सुष्मिता की तरह हार्ट अटैक के नहीं बनेंगे मरीज! बस इन चीजों का रखें ध्यान

सुष्मिता की तरह हार्ट अटैक के नहीं बनेंगे मरीज! बस इन चीजों का रखें ध्यान

स्ट्रेस, हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई बीपी के चलते हार्ट अटैक आ सकता है. जान को जोखिम में डालने से अच्छा है हेल्थ की अच्छी हैबिट्स को अपना लिया जाए. जानें कुछ ऐसी चीजें जो हार्ट अटैक के खतरे को काफी कम कर सकती हैं.

बॉलीवुड की फिटनेस फ्रिक एक्ट्रेस सुष्मिता सेन को हार्ट अटैक आया और अब उनकी एंजियोप्लास्टी की गई. हुस्न की परी सुष्मिता ने खुद इसकी जानकारी इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए दी. फिटनेस और डाइट का खास खयाल रखने वाली सुष्मिता के साथ ऐसा हो सकता है तो ये बहुत चिंता की बात है. दिल से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. स्ट्रेस, हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई बीपी के चलते हार्ट अटैक आ सकता है.

चौंका देने वाली बात है कि कम उम्र में बड़े-बड़े सितारें तक हार्ट अटैक की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए हैं जिनमें सिद्दार्थ शुक्ला का नाम भी शामिल है. जान को जोखिम में डालने से अच्छा है हेल्थ की अच्छी हैबिट्स को अपना लिया जाए. जानें कुछ ऐसी चीजें जो हार्ट अटैक के खतरे को काफी कम कर सकती हैं.

हेल्दी डाइट

हेल्दी रहने का सबसे पहला नियम है कि अच्छा आहार लिया जाए. तेज मसाले, ऑयली या फिर बाहर के फूड की वजह से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है. कोलेस्ट्रॉल के ज्यादा हो जाने पर नसों में फैट जमने लगता है और ऐसे ब्लड फ्लो में दिक्कत आने लगती है. हार्ट अटैक या दूसरी बीमारियों से बचने के लिए दिन में एक बार हरी सब्जी जरूर खाएं.

कार्ब्स इंटेक

वेट लॉस या पतला नजर आने के लिए लोग ऐसी डाइट लेते हैं जिनमें कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन में एक बार कार्ब्स वाले फूड्स को जरूर खाना चाहिए. कार्ब्स का इंटेक बॉडी को हेल्दी रखने और एनर्जी देने का काम करता है.

अल्कोहल का कम इंटेक

शराब या बीयर की आदत छोड़ी नहीं जा सकती है. डब्ल्यूएचओ जैसा बड़ा संस्थान कई बार कह चुका है कि शराब हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह है. आप शराब को छोड़ नहीं सकते हैं तो इसके इंटेक को कम करने की कोशिश करें.

स्मोकिंग को कहें न

लोग ये जानते हैं कि स्मोकिंग यानी सिगरेट पीने की आदत जान ले सकती है. इससे हार्ट अटैक से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है. इसे भी नजरअंदाज करना आसान नहीं है पर धीरे-धीरे इसकी आदत को छोड़ा जा सकता है.