क्या पॉप म्यूजिक सुनने से आ जाती है नींद? रिसर्च में किया गया चौंकाने वाला दावा
Pop Music: कुछ लोगों का तर्ह है कि पॉप म्यूजिक से नींद पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन हाल ही में डेनमार्क में पॉप म्यूजिक पर हुई रिसर्च में चौंकाने वाला दावा किया गया है.
कहते हैं कि म्यूजिक में हील करने की पावर होती है. ये इंसान को तनाव, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है. पिछले कुछ समय में म्यूजिक को लेकर ऐसी कई रिसर्च हुई हैं, जिनके मुताबिक लाइट और लो टेंपो का म्यूजिक सुनने से अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है. लेकिन हाल ही में जब इस पर दोबारा स्टडी की गई तो इसके नतीजे कुछ अलग थे. नई रिसर्च डेनमार्क की Aarhus यूनिवर्सिटी में हुई है. इस शोध के मुताबिक, कैची पॉप म्यूजिक और प्लेलिस्ट पर दिखाई देने वाले गाने गीत रात को सोने में मदद कर सकते हैं.
दो लाख से ज्यादा गानों पर हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने स्पॉटिफाई पर 985 प्लेलिस्ट से कुल 225,626 गानों का विश्लेषण किया, जो गानों को छह अलग-अलग सब-कैटेगरी में अलग करने से पहले नींद से जुड़े हुए थे. इनमें से 3 सब कैटेगरी स्लो, लो टेंपो और बिना लिरिक्स के थे. वहीं, अन्य 3 सब कैटेगरी पॉप म्यूजिक वाले गाने थे. प्लेलिस्ट में से बीटीएस का डायनामाइट गाना सबसे ज्यादा 245 बार चलाया गया था.
म्यूजिक से कैसे आ जाती है नींद
बायलर यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान और न्यूरोसाइंस के प्रो. माइकल के. स्कुलिन के अनुसार, संगीत से आप रिलैक्स फील करते हैं और इससे किसी भी इंसान को सोने में मदद मिलती है. संगीत सुनने से मन में चल रहे विचार और चिंताओं से ध्यान भटकाने में मदद मिलती है. ये आपके दिमाग में चिंताओं की जगह ट्यून्स को जगह देता है.
2016 के एक अध्ययन में पाया गया कि संगीत ने तनाव और चिंता को कम करने में मदद की. इसके साथ ही, नींद से परेशान गर्भवती महिलाओं को बेहतर नींद मिली. विशेषज्ञों की मानें तो जब लोग संगीत का आनंद लेते हैं तो स्वाभाविक रूप से खुशी महसूस करते हैं. इन सकारात्मक विचारों से उन्हें अच्छी नींद आती है. अध्ययन के अनुसार, कुछ लोगों का तर्ह है कि पॉप म्यूजिक से नींद पर बुरा असर पड़ता है. अगर हम बार-बार पॉप गानों को सुनते हैं ये हमारे स्वाभाव से परिचित हो जाते हैं, जिससे माइंड रिलैक्स फील करता है.
(इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. TV9 Hindi इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)