इस तरह भूल से भी न खाएं चपातियां या रोटी, कैंसर का है खतरा!
रोटी को लोग बनाने का तरीका भी क्षेत्रों पर निर्भर करता है. कहीं इसे तवे पर सेक जाता है तो कहीं इसे चिमटे की मदद से सीधे आंच पर बनाया जाता है. हर तरीके से अलग-अलग स्वाद आते हैं. पर रोटी भी कैंसर का कारण बन सकती है ये चौंकाने वाला है.
क्या आप जानते हैं कि रोज खाए जाने वाली चपाती या रोटी भी कैंसर जैसी घातक बीमारी के होने का कारण बन सकती है. जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है. दरअसल, भारत में अमूमन हर घर में रोजाना रोटी को सब्जी के साथ खाया जाता है. रोटी को लोग बनाने का तरीका भी क्षेत्रों पर निर्भर करता है. कहीं इसे तवे पर सेक जाता है तो कहीं इसे चिमटे की मदद से सीधे आंच पर बनाया जाता है.
हर तरीके से अलग-अलग स्वाद आते हैं. पर रोटी भी कैंसर का कारण बन सकती है ये चौंकाने वाला है. चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे का अहम कारण….
कुछ अध्ययनों के अनुसार हाई फ्लेम पर खाना पकाने के तरीका हेटेरोसाइक्लिक एमाइन (एचसीए), पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) उत्पन्न करते हैं और इन्हें कार्सिनोजन के रूप में जाना जाता है.
रिसर्च में क्या सामने आया
जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में छपे शोध के मुताबिक प्राकृतिक गैस स्टोव या कुकटॉप्स कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों का उत्सर्जन करते हैं. असुरक्षित माने जाने वाले छोटे कण सांस की बीमारियों के अलावा ये कैंसर और दिल की बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाते हैं. इसके अलावा जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड कैंसर में भी इसे लेकर एक शोध किया गया है. इसके मुताबिक उच्च तापमान पर खाना पकाने से कार्सिनोजेन्स पैदा हो सकते हैं.
रोटियों से कैंसर!
खाद्य मानक ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड (FSANZ) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ पॉल ब्रेंट द्वारा 2011 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जब रोटियां गैस की लपटों के सीधे संपर्क में आती हैं, तो यह एक्रिलामाइड नामक रसायन का उत्पादन करती हैं. जब भोजन गैस की सीधी लपटों पर पकाया जाता है, तो कार्सिनोजेन्स उत्पन्न होते हैं. ये मानव शरीर के लिए खतरनाक हैं.
इन रिसर्च के मुताबिक सीधी आंच पर बनी रोटी-रोटी खाना सेहत के लिए खतरनाक होता है. लेकिन क्या इस तरह बनी रोटियां खाने से वाकई कैंसर होता है? विशेषज्ञों का कहना है कि अभी और शोध की जरूरत है.