1976 से सेना की साथी, अब देश में ही बनेगी स्वीडन की ये राइफल

1976 से सेना की साथी, अब देश में ही बनेगी स्वीडन की ये राइफल

मोदी सरकार लगातार देश के रक्षा आयात को घटाने की कोशिश कर रही है. इसका एक फायदा ये हुआ है कि घरेलू कंपनियों के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी भारत में आकर फैक्टरी लगा रही हैं. स्वीडन की फेमस कार्ल-गुस्ताफ राइफल भी अब बहुत जल्द देश में ही बनना शुरू हो जाएगी.

देश में उद्योगों को बढ़ावा मिले और रोजगार पैदा हों, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार मैन्यूफैक्चर सेक्टर को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है. इसमें रक्षा उत्पाद भी शामिल हैं ताकि रक्षा आयात को घटाया जा सके. इसके लिए देश में डिफेंस कॉरिडोर जैसी योजना भी बनाई गई है. अब खबर है कि स्वीडन की फेमस Carl-Gustaf Rifle भी भारत में ही बनेंगी.

स्वीडन की रक्षा कंपनी Saab ने भारत में कार्ल-गुस्ताफ राइफल की फैक्टरी लगाने की योजना बनाई है. इससे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए मल्टी-रोल हथियार प्रणाली के उत्पादन में मदद मिलेगी.

‘Make In India’ से मिला फायदा

स्वीडिश कंपनी की भारतीय इकाई साब इंडिया टेक्नोलॉजीज इस फैक्टरी को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत लगाएगी. यहां बनाया जाने वाला कार्ल-गुस्ताफ राइफल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से भारत में ही बना होगा. इसे भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा.

इतना ही नहीं साब इंडिया टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मैट्स पामबर्ग का कहना है कि इन राइफल के उत्पादन के लिए कंपनी भारत में छोटे सप्लायर्स से भी साझेदारी करेगी.

क्यों खास है Carl-Gustaf M4?

स्वीडन की कार्ल-गुस्ताफ एम4 राइफल एक मल्टी-रोल वेपंस सिस्टम है. इसे एक सैनिक हाथ में लेकर चल सकता है यानी एक मैन-पोर्टेबल हथियार है. इसका वजन महज 7 किलोग्राम है और इसका रिस्पांस टाइम बहुत कम है. ऐसे में युद्ध के दौरान ये सेना के जवान के वार को क्विक बनाता है. वहीं ये अलग-अलग आकार के एम्युनिशन के साथ तेजी से और दूर तक मार करने की क्षमता देती है. भारतीय सेना 1976 से इस राइफल का इस्तेमाल कर रही है.

‘आत्मनिर्भर भारत’ के साथ कार्ल-गुस्ताफ

मैट्स पामबर्ग ने कहा कि हम भारत सरकार के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इस दिशा में कार्ल-गुस्ताफ राइफल के लिए हम भारत में एक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर रहे हैं. इससे देश में इसका उत्पादन और मजबूत होगा.

उन्होंने कहा कि यहां Carl-Gustaf M4 का उत्पादन होगा. साथ ही साथ दुनियाभर के लिए इस सिस्टम के यूजर्स के लिए कंपोनेट का भी निर्माण इस फैक्टरी में किया जाएगा.

(भाषा के इनपुट के साथ)