दिल्ली कोचिंग हादसा: श्रेया-तान्या और नेविन ही नहीं, बेसमेंट में कितनों के सपने भी डूबे, जिस सिस्टम का बनते हिस्सा, उसी ने तीनों को मार डाला

दिल्ली कोचिंग हादसा: श्रेया-तान्या और नेविन ही नहीं, बेसमेंट में कितनों के सपने भी डूबे, जिस सिस्टम का बनते हिस्सा, उसी ने तीनों को मार डाला

दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव और तीन स्टूडेंट्स की मौत ने देश में सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. इसे देखकर इस कोचिंग में अपने भविष्य की तैयारी करने आए छात्र भी अब खुद से सवाल पूछने लगे कि क्या वह इसी अराजक व्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं.

गांवों और छोटे शहरों से इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन की परीक्षा के बाद निकले स्टूडेंट्स के हौसले आसमान पर होते हैं. वह देश की कानून और व्यवस्था में भागीदार बनने का सपना लिए दिल्ली-प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में आते हैं और कठिन परिस्थितियों के बावजूद यहां रहकर कोचिंग करते हैं. उनका सपना होता है कि एक ना एक दिन वह आईएएस या आईपीएस जरूर बनेंगे. लेकिन, यही सपना उनके लिए कब और कैसे काल बन जाएगा, यह कौन जानता है? दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में हुए जलभराव और इसमें तीन स्टूडेंट्स की मौत की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.

इन घटना में मौत के शिकार हुए तीनों बच्चों श्रेया, तान्या और नेविन की पहचान हो गई है. इनमें श्रेया उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के एक गांव की रहने वाली थी. इसी प्रकार तेलंगाना के एक छोटे से गांव से आई तान्या सोनी और केरल के एक गांव का रहने वाला मृत छात्र नेविन डालविन भी एक मध्य वर्गीय परिवार से था. बताते हैं कि यह तीनों बच्चे मेधावी थे और तीनों ही अपने भविष्य को लेकर आशांवित थे. उनकी मेहनत और लगन को देखकर उनके घर वालों का भी उत्साह बढ़ जाता था.

अराजक व्यवस्था की भेंट चढ़े तीनों बच्चे

इन बच्चों के घर वालों ने भी अपना पेट काट कर इन्हें पढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं रखी.इतना करने के बाद भी नियति को तो कुछ और ही मंजूर था. जिस व्यवस्था में हिस्सेदार बनने के लिए यह तीनों बच्चे रात दिन एक कर दिए थे. रात-रातभर किताबों में आंखें फोड़ रहे थे, यह तीनों के तीनों उसी अराजक व्यवस्था की भेंट चढ़ गए. वहीं इस घटना के बाद उसी व्यवस्था के जिम्मेदार एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश में जुटे हैं.

एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने में जुटे अधिकारी

इनमें कोचिंग प्रबंधन से लेकर दिल्ली सरकार और एमसीडी से लेकर दिल्ली पुलिस और दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं.हालात यहां तक आ गए हैं कि इसी कोचिंग के अन्य छात्रों को न्याय के लिए कोचिंग के बाहर धरने पर बैठना पड़ा है. यह सभी छात्र खुद से सवाल कर रहे हैं कि क्या इसी व्यवस्था में शामिल होने के लिए वह अपनी किशोरावस्था और जवानी को बर्बाद कर रहे हैं. हालांकि इस सवाल का ठोस जवाब अब तक उन्हें नहीं मिला है.

शनिवार को कोचिंग के बेसमेंट में भर गया था पानी

बता दें कि शनिवार को दिल्ली में थोड़ी तेज बारिश हो गई थी. इस बारिश के के वक्त देश के इस प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान के अंदर बच्चों की क्लासेज चल रही थीं. इसी दौरान बेसमेंट से गुजर रही सीवर लाइन में फाल्ट आ गया और देखते ही देखते पूरा का पूरा बेसमेंट लबालब हो गया. इस घटना के समय बेसमेंट में क्लास कर रहे सभी स्टूडेंट्स चींखने चिल्लाने लगे. बड़ी मुश्किल से कुछ स्टूडेंट्स तो तैरकर बाहर निकल गए. वहीं तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई, जबकि कुछ स्टूडेंट्स लापता भी हो गए. फिलहाल एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड व अन्य एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हैं.