‘ड्रैगन’ पर डिजिटल स्ट्राइक, मोदी राज में बैन हुए 500 से ज्यादा चाइनीज Apps
9 Years of Modi Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नौ साल पूरे हो रहे हैं, बता दें कि मोदी सरकार के राज में चीनी ऐप्स पर 2020 से अब तक डिजिटल स्ट्राइक चल रही है. 2020 से 2023 यानी अब तक कितने ऐप्स बैन हो चुके हैं? आइए जानते हैं.
Chinese Apps Banned: पीएम नरेंद्र मोदी के लिए 30 मई का दिन बेहद ही खास है, ऐसा इसलिए क्योंकि 30 मई 2019 में पीएम मोदी ने दूसरे कार्यकाल को शुरू किया था और अब बस कुछ ही दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल पूरा होने वाला है. बतौर प्रधानमंत्री पीएम मोदी का सफर 9 साल का हो चुका है. इस सफर के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की भलाई के लिए कई बड़े फैसले लिए जिसमें से एक फैसला था चीनी ऐप्स पर ‘डिजिटल स्ट्राइक’.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने चीन के नापाक इरादों को भांपने के बाद 2020 से चीनी ऐप्स पर डिजिटल स्ट्राइक करना शुरू किया था. 2020 से चीनी ऐप्स के खिलाफ शुरू हुई सरकार की डिजिटल स्ट्राइक 2023 में भी जारी है.
2020 से अब तक कब-कब हुई चीनी ऐप्स पर ‘स्ट्राइक’?
याद दिला दें कि जून 2020 में 58 ऐप्स पर शिकंजा कसने के बाद सितंबर 2020 में 118 चीनी ऐप्स को भारत में बैन कर दिया गया था. चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध का सिलसिला यही नहीं थमा और नवंबर 2020 में 43 चीनी ऐप्स को ब्लॉक करने के आदेश दिए गए थे.
2020 के बाद 2022 में फिर से सरकार ने चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करते हुए फरवरी में 54 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2022 के बाद अब 2023 में भी चीनी ऐप्स को धूल चटाने का सिलसिला जारी है.
सरकार ने फरवरी 2023 में 232 चीनी ऐप्स को बैन किया था, बता दें कि इस लिस्ट में 138 ऐप्स सट्टेबाजी से जुड़े थे तो वहीं 94 लोन ऐप्स शामिल हैं.
इस आंकड़ें को देखने से पता चलता है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान 2020 से लेकर अब तक यानी मई 2023 तक 500 से ज्यादा ऐप्स पर डिजिटल स्ट्राइक हो चुकी है.
ऐप्स पर क्यों लग रहा बैन?
चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के पीछे सरकार का कहना था कि इन ऐप्स से राष्ट्रीय सुरक्षा को ही खतरा नहीं है बल्कि ये ऐप्स यूजर्स की प्राइवेसी के साथ भी खिलवाड़ करते हुए पकड़े गए हैं. सरकार का ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के पीछे की ये वजह भी सामने आई थी कि ये चीनी ऐप्स यूजर्स का निजी डेटा इकट्ठा कर दूसरे देशों के सर्वर पर भेजने का काम करते हैं.