IMF से भीख मांग रहा PAK, ‘बड़े दिलवाले’ ने तुर्की को दिए 810 करोड़ रुपये
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने इस दावे के बाद ट्रोल भी हो गए हैं. कई लोगों ने यह तक पूछ दिया कि आखिर यह पता करिए कि दाने देने वाला शख्स अपने देश की मदद के लिए पाकिस्तानी दूतावास क्यों नहीं पहुंचा.
पाकिस्तान की आर्थिक हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है. डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं. IMF से मदद की गुहार लगा रहा है. महंगाई से हाल बेहाल है. लोगों के पास पैसे नहीं है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है. इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बड़बोला दावा किया है कि एक गुमनाम पाकिस्तानी ने भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया को 30 मिलियन डॉलर का दान दिया है.
शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि एक गुमनामी पाकिस्तानी ने अमेरिका में स्थिति तुर्की दूतावास पहुंचा था, जहां उसने भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए 30 मिलियन डॉलर (करीब 810 करोड़ पाकिस्तानी रुपया) का दान दिया है. शरीफ ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘एक गुमनाम पाकिस्तानी के उदाहरण से बहुत प्रभावित हुआ, जो अमेरिका में स्थित तुर्की दूतावास में गया और तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए 30 मिलियन डॉलर का दान दिया. परोपकार के लिए एक शानदार काम है जो मानवता पर आने वाली बाधाओं पर विजय हासिल करने में सक्षम बनाते हैं.’
Deeply moved by the example of an anonymous Pakistani who walked into Turkish embassy in the US & donated $30 million for earthquake victims in Türkiye & Syria. These are such glorious acts of philanthropy that enable humanity to triumph over the seemingly insurmountable odds.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) February 11, 2023
शहबाज की उड़ाई जा रही खिल्लियां
शहबाज शरीफ के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी पीएम की उनके दावों को लेकर खिल्लियां उड़ाई जा रही है. ट्विटर पर कई यूजर्स ने उनसे कहा कि यह पता लगाइये कि आखिर वो शख्स पाकिस्तानी दूतावास तक क्यों नहीं पहुंच पाया. कई लोगों ने तो यहां तक पूछ दिया कि वो शख्स उस समय कहा था जब पाकिस्तान में भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई थी और हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए थे.
अब तक 33 हजार से अधिक मौतें
तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अब तक 33000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. छह दिन बाद लोग इमारतों के मलबे से जिंदा निकल रहे हैं. मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड में लगातार मशक्कत कर रहे हैं.