लालच के आते ही जीवन की खुशियां धुएं के समान उड़ जाती हैं, पढ़ें इससे जुड़ी 5 अनमोल सीख

लालच के आते ही जीवन की खुशियां धुएं के समान उड़ जाती हैं, पढ़ें इससे जुड़ी 5 अनमोल सीख

धनी होने के बाद भी यदि किसी व्यक्ति को लालच और पैसों का मोह हो तो उससे बड़ा कोई गरीब नहीं हो सकता है. लालच कितनी बुरी बला है, इसे जानने के लिए पढ़ें सफलता के मंत्र.

जीवन में हर किसी की चाह होती है कि उसके पास सुख-संपत्ति आदि सभी चीजें हमेशा न सिर्फ बनी रहे बल्कि उसकी दिन रात बढ़ोत्तरी हो. वैसे इंसान को जीवन जीने के लिए प्रकृति ने हर एक चीज उपलब्ध करा रखी है, जो उसे जीवित रहने के लिए जरूरी है, लेकिन जैसे ही इंसान अपनी जरूरतों से ऊपर उठकर कई चीजों को बंटोरने और इकट्ठा करने जैसी लालच में फंसता है तो वो अपने जीवन का सुकून खो देता है. लालच एक ऐसी आदत है जो किसी को लग जाने के बाद उसे बर्बाद करके ही छोड़ती है. शास्त्रों में लिखा गया है कि किसी भी इंसान की बर्बादी के तीन प्रमुख कारण हैं – वासना, क्रोध और लालच.

लालच के तमाम दुष्परिणामों को देखते हुए हमारे तमाम संतों-महापुरुषों ने हमेशा इससे बचने और इसका त्याग करने की सीख दी है. जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज आपके लिए बिल्कुल वैसे ही नुकसानदायक होती है, जैसे अधिक प्रकाश होने पर रोशनी आपके अंधे होने का कारण बन जाती है. ऐसे में हर किसी को इस बात पर हमेशा चिंतन करना चाहिए कि उसे लालच का अंत करना है या फिर लालच के कारण खुद का अंत करना है. आइए मनुष्य की बुरी आदत लालच से बचने के लिए पढ़ते हैं सफलता के मंत्र.

  1. अज्ञानता और किसी चीज का लालच ही संसार में तमाम तरह के दु:खों के दो प्रमुख कारण हैं.
  2. जीवन में दया से बड़ा धम, शांति से बड़ा तप, संतोष से बड़ा सुख और लालच से बड़ा कोई रोग नहीं है.
  3. जब किसी भी व्यक्ति के भीतर लालच का जन्म होता है तो वह सबसे पहले उसके सुख और संतुष्टि को खत्म कर देता है.
  4. लालच एक ऐसा अवगुण होता है, जो इंसान के भीतर हर दिन तब तक बढ़ता ही जाता है, जब तक वह उस इंसान का पतन नहीं कर देता है.
  5. प्रकृति अपने भीतर मौजूद चीजों से इंसान की सभी जरूरतों को पूरा तो कर सकती है, लेकिन वह कभी भी इंसान के लालच को पूरा नहीं कर सकती है.