‘CAA को लेकर BJP गंभीर नहीं’, गृह राज्यमंत्री के बयान पर गर्माई राजनीति

‘CAA को लेकर BJP गंभीर नहीं’, गृह राज्यमंत्री के बयान पर गर्माई राजनीति

लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नागरिकता संशोधन कानून का मामला चर्चा में आ गया है. गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के उस बयान को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया है जिसमें उन्होंने अगले बरस मार्च तक सीएए को लेकर फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो जाने की बात की थी.

भारत सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून पर दिए बयान पर राजनीति शुरू हो गई है. मिश्रा कल पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. जिले के ठाकुरनगर में दलित मतुआ उत्सव में मिश्रा ने ऐलान कर दिया कि भारत सरकार 30 मार्च, 2024 तक CAA को लेकर फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लेगी.

मिश्रा के बयान पर तृणमूल कांग्रेस के माजिद मेमन ने प्रतिक्रिया दी है. मेमन ने कहा है कि, ‘इस बात को हम ना भूलें की साल 2019 में ही CAA सदन में पास हो गया था, पिछले पाँच वर्ष तक सरकार क्या कर रही थी जो अब वह अचानक 2024 में जागी है’. मेमन ने कहा है कि ‘2024 के लोकसभा चुनाव में सरकार को कुछ नये हथकंडों की ज़रूरत है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को इस बात का अंदेशा है की वो सत्ता से शायद हटा दी जाये. इस कारण से इस क़िस्म के हथकंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं’

क्या है CAA

सीएए 11 दिसंबर 2019 को संसद से पारित हुआ था. सीएए में भारत सरकार ने यह प्रावधान किया है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाईयों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. हालांकि, ये वही लोग होंगे जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में एंट्री ली थी. हालांकि, इस पर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन होने लगा था. पूर्वोत्तर के लोगों को इस बात पर ऐतराज था कि इससे उनके इलाकों में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ जाएगी.

प्रधानमंत्री ने बताया था CAA को सही

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदर्शनों के दौरान ही ये कहा था कि उनकी सरकार ने नागरिकता क़ानून में जो बदलाव किया है, वह पूरी तरह ठीक है. प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए पीएम ने कहा था कि वह विपक्ष के बहकावे में न आए जबकि विपक्ष कहता रहा है कि सरकार ने सीएए पर बातें बड़ी-बड़ी की लेकिन किया कुछ भी नहीं.