जानलेवा हुआ H3N2 वायरस, बच्चों और बुजुर्गों पर खतरा, जानें केंद्र ने क्या-क्या कहा?
H3N2 वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी एक अहम बैठक की और राज्यों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा.
भारत में इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 के अब तक दो मामले सामने आए हैं. एक हरियाणा से और एक कर्नाटक. ऐसे में केंद्र सरकार ने इस वायर को लेकर बयान जारी किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आश्वासन देते हुए कहा है कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 9 मार्च तक इन्फ्लुएंजा वायरस के अलग-अलग वेरिएंट के कुल 3038 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से जनवरी में 1245 मामले और फरवरी में 1307 मामले शामिल हैं. इसके अलावा मार्च में 486 मामले सामने आए. इनमें एच3एन2 के मामले भी शामिल हैं.
वहीं H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी एक बैठक की और राज्यों को अलर्ट पर रहने और स्थिति की निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की गई. इस बारे में जानकारी देते हुए मनसुख मांडविया, भारत सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को बढ़ा रही है. इस बीच जानिए एच3एन2 को लेकर सरकार ने क्या-क्या बताया है-
- सीजनल इन्फ्लुएंजा रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है और दुनिया के सभी हिस्सों को प्रभावित करता है
- भारत में सीजनल इन्फ्लुएंजा के दो पीक आते हैं, पहला जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद. इससे सबसे ज्यादा जो प्रभावित होते हैं वो हैं बच्चे और अन्य बिमारियों से पीड़ित बुजुर्ग.
- अभी जो सीजनल इन्फलूएंजा चल रहा है उसके मामले मार्च से कम होने लगेंगे. वहीं बात करें एच3एन2 इन्फलूएंजा की तो कर्नाटक औऱ हरियाणा, दोनों ही राज्य इससे अब तक एक-एख मौत की पुष्टी कर चुके हैं.
- अब तक भारत में इन्फ्लूएंजा A (H1N1pdm09), इन्फ्लुएंजा A (H3N2) और इन्फ्लुएंजा B (विक्टोरिया) भारत में पाए गए हैं. अब तक जो सैंपल इन्फ्लुएंजा पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें H3N2 इन्फ्लुएंजा प्रमुख है.
- दूसरे इन्फ्लुएंजा वेरिएंट के मुकाबले H3N2 से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की दर ज्यादा है. इसके लिए WHO ने जिस दवा की सलाह दी है, वह है Oseltamivir.
- जो लोग H3N2 से पीड़ित हैं, उनमें से 10 फीसदी को गंभीर रेस्पिरेटरी इन्फ्लुएंजा है और ऑक्सीजन की जरूरत होती है जबकि 7 फीसदी को आईसीयू की जरूरत पड़ती है.