जिंदा रहते मनाऊंगा ‘मौत का उत्सव’, बुजुर्ग ने रिश्तेदारों को भेजा इनविटेशन कार्ड

जिंदा रहते मनाऊंगा ‘मौत का उत्सव’, बुजुर्ग ने रिश्तेदारों को भेजा इनविटेशन कार्ड

गाडरवारा के रहने वाले एक बुजुर्ग ने जीते जी मृत्यु पूर्व उत्सव का आयोजन किया है. कहा कि जीवन उत्सव है तो मृत्यु महोत्सव होना चाहिए. उन्होंने इस उत्सव के लिए अपने रिश्तेदारों और मित्रों को निमंत्रण कार्ड भेजकर स्नेहभोज पर आमंत्रित किया है. यह कार्यक्रम आज ही हो रहा है.

मध्य प्रदेश के नरसिंह पुर से एक समारोह का इनविटेशन कार्ड सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस कार्ड में लोगों को सहभोज के लिए आमंत्रित किया गया है. यह आमंत्रण कार्ड मृत्यु पूर्व उत्सव का है. चौंकिए नहीं, कार्ड मृत्यु पूर्व उत्सव का ही है. आम तौर पर लोग अपना बर्थडे मनाते हैं, शादी की साल गिरह मनाते हैं, लेकिन यहां बुजुर्ग परसराम अपने जीते जी अपना मृत्यु पूर्व उत्सव का आयोजन कर रहे हैं.

यह आयोजन आज यानी 29 सितंबर को ओशो की नगरी गाडरवारा में हो रहा है. गाडरवारा के कामथ वॉर्ड में रहने वाले स्वामी परसराम साहू का कहना है कि लोग अक्सर मृत्यु की बात सुनते ही दुखी हो जाते हैं. मातम मनाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. उन्होंने कहा कि यदि जीवन उत्सव है तो मौत महोत्सव है. इसलिए मौत को इंजॉय करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि इसी सोच के साथ गाडरवारा संस्कार पैलेस में उन्होंने भव्य आयोजन किया है.

Card

रिश्तेदारों को भेजा आमंत्रण

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में अपने सभी रिश्तेदारों और ईष्ट मित्रों को स्नेहभोज के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने बताया कि इस आयोजन की प्रेरणा उन्हें मां नर्मदा की वजह से मिली है.उन्होंने अपने रिश्तेदारों और ईष्ट मित्रों को भेजे आमंत्रण पत्र में बताया है कि इस सूक्ष्म जगत से जाने से ठीक पहले वह यह आयोजन कर रहे हैं. उन्होंने अपने आमंत्रण कार्ड में कार्यक्रम की पूरी डिटेल बताई है.

मौत को बताया महोत्सव

इसमें स्नेहभोज का समय एवं अन्य कार्यक्रमों का भी जिक्र किया है. इसी के साथ उन्होंने संदेश देने की कोशिश की है कि जीवन और मृत्यु अलग नहीं है, बल्कि एक ही सिक्के के ये दो पहलू हैं. जीवन का लक्ष्य ही मृत्यु है. इसलिए यदि जीवन को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है तो मौत को महोत्सव माना जाना चाहिए.