54 साल के बाद दिल्ली में दर्ज हुआ फरवरी का सबसे गर्म दिन, IMD ने भी चेताया

54 साल के बाद दिल्ली में दर्ज हुआ फरवरी का सबसे गर्म दिन, IMD ने भी चेताया

नजफगढ़ और रिज स्टेशनों पर अधिकतम तापमान 34.6 और 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से नौ से 10 डिग्री अधिक है. मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में भी दिल्ली के तापमान में बढ़ोत्तरी जारी रहेगी.

फरवरी का महीना अभी खत्म नहीं हुआ है कि दिल्ली-एनसीआर के लोग गर्मी से परेशान होने लगे हैं. राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम स्टेशन सफदरजंग वेधशाला में सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री अधिक 33.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सोमवार (20 फरवरी) का दिन 1969 के बाद से फरवरी का तीसरा सबसे गर्म दिन रहा है. पीतमपुरा में स्वचालित मौसम केंद्र ने अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से 10 डिग्री अधिक है.

नजफगढ़ और रिज स्टेशनों पर अधिकतम तापमान 34.6 और 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से नौ से 10 डिग्री अधिक है. आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली में 26 फरवरी, 2006 को 34.1 डिग्री सेल्सियस का सर्वकालिक उच्च तापमान और 17 फरवरी, 1993 को अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री दर्ज किया गया था.

2021 में दर्ज हुआ था 33.2 डिग्री सेल्सियस तापमान

आईएमडी के एक अन्य अधिकारी ने कहा, “यह 1969-2023 की अवधि में दिल्ली में तीसरा सबसे अधिक तापमान है.” आईएमडी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 फरवरी, 2021 को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

फरवरी के महीने में इस तरह की गर्मी से लोग परेशान हैं. मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में भी दिल्ली-एनसीआर के तापमान में बढ़ोत्तरी जारी रहेगी.

बढ़ सकता है तापमान

मौसम विभाग ने कहा कि देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान पहले से ही बढ़ रहा है. पारा मार्च के पहले पखवाड़े में उत्तर पश्चिम भारत में 40 डिग्री सेल्सियस और उससे ऊपर तक चढ़ सकता है. मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि “अगले दो दिनों के दौरान कच्छ और कोंकण में लू की स्थिति रहने की संभावना है.”

अधिकारियों ने कहा कि इन क्षेत्रों के लिए सबसे पहले हीटवेव अलर्ट जारी किया गया था. हालांकि, आईएमडी ने सोमवार को इन क्षेत्रों के लिए हीटवेव की चेतावनी वापस ले ली, क्योंकि समुद्री हवा के कारण तापमान में गिरावट आ गई है.

वहीं, मौसम विभाग का मानना है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में तापमान भी सामान्य से कम वर्षा के कारण अधिक है. इसके चलते पहाड़ों में भी इस बार तापमान में बढ़ोत्तरी रह सकती है.

(भाषा इनपुट के साथ)