दूसरों के सामने बोलते समय झिझकते हैं आप? इन पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स को अपनाएं
बोलने में झिझक को बचपन से ही खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए पर भारत में आज भी ऐसे परिवार हैं जहां युवा जॉब या वर्क प्लेस में ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं. अगर आप भी बोलते समय झिझक महसूस करते हैं तो आपको इन टिप्स को फॉलो करना चाहिए.
एक व्यक्ति की पर्सनालिटी उसके पहनावे से ही तय नहीं होती बल्कि उसके चलने, खड़े और बोलने के अंदाज को भी नोटिस किया जाता है. इतना ही नहीं आप किस तरह खाते हैं ये तरीका भी पर्सनालिटी डेवलपमेंट का हिस्सा होता है. पर्सनालिटी डेवलप करने वालों को सलाह दी जाती है कि वह इन सब तरीकों पर ध्यान दें, लेकिन बोलने के अंदाज में जल्द से जल्द बदलाव करें. वैसे ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें दूसरों के सामने मुंह खोलने से लेकर प्रेजेंटेशन देने तक में हिचकिचाहट या झिझक होती है.
बोलने में झिझक को बचपन से ही खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए पर भारत में आज भी ऐसे परिवार हैं जहां युवा जॉब या वर्क प्लेस में ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं. अगर आप भी बोलते समय झिझक महसूस करते हैं तो आपको इन टिप्स को फॉलो करना चाहिए.
सेल्फ टॉक
आप दूसरों के सामने हेलो बोलने से लेकर अपनी बात रखने तक में झिझक महसूस करते हैं तो आपको सेल्फ टॉक का तरीका अपनाना चाहिए. इसमें आईने के आगे खुद से बात करना शुरू करें. अपने आप को कैसे प्रेजेंट करना है इसकी प्रैक्टिस करें. खुद से बात करने का ये तरीका आपके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस जेनरेट करेगा.
कंफर्टेबल रहे
दूसरों से बात करते समय कंफर्टेबल रहने की कोशिश करें. अगर आप डरा हुआ महसूस करेंगे तो सामने वाला आपकी बात को सीरियस नहीं लेगा और यहीं से बोलने में गिरे हुए सेल्फ कॉन्फिडेंस की शुरुआत हो जाती है. अगर आपको बोलने में झिझक होती है तो मुंह खोलने से पहले लंबी सांस जरूर लें.
पढ़ाई है जरूरी
ये बात सच है कि पढ़ाई हमारे जीवन को बेहतर बनाती है इसलिए इसका क्या महत्व है हम सभी को समझना चाहिए. पढ़ने का एक फायदा ये भी है कि बोलने के अंदाज में निखार आता है. ज्ञान मिलने के साथ-साथ हम किसी के आगे अपनी बात रखने में सक्षम होते हैं. सीधे शब्दों में कहे तो पढ़ाई कॉन्फिडेंस को भी बढ़ाती है.