Ganesha Visarjan 2022: कब होगी बप्पा की विदाई, जानें गणेश विसर्जन की संपूर्ण विधि और शुभ मुहूर्त
गणपति के दस दिनी उत्सव के बाद आखिर कब होगी उनकी विदाई और किस शुभ मुहूर्त में होगा उनकी मूर्ति का विसर्जन, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
हिंदू धर्म में भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है. इस पावन तिथि का सनातन परंपरा में बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है क्योंकि इस दिन जगत के पालनहार माने वाले भगवान श्री हरि विष्णु के अनंत स्वरूप की विशेष रूप से पूजा की जाती है तो वहीं इसी पावन तिथि पर गणपति को गाजे-बाजे के साथ विदा करते हुए उनकी मूर्ति का नदी, तालाब या समुद्र आदि में विसर्जन किया जाता है. आइए दस दिनी गणपति महोत्सव के आखिरी दिन किए जाने वाली गणेश पूजा और उनके मूर्ति के विसर्जन का शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व और नियम आदि के बारे में विस्तार से जाते हैं.
क्यों करते हैं गणपति का विसर्जन
पौराणिक मान्यता के अनुसार महर्षि वेदव्यास को महाभारत को लिखने के लिए किसी ऐसी दिव्यात्मा की आवश्यकता थी जो बगैर रुके हुए इसे लिख सके. इसके लिए जब उन्होंने ब्रह्माजी से प्रार्थना की तो उन्होंने यह कार्य बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश से करवाने के लिए कहा. मान्यता है कि महर्षि वेदव्यास के अनुरोध पर गणेश जी ने बगैर रुके महाभारत को लिखा. मान्यता है कि 10वें दिन जब महर्षि वेदव्यास ने गणपति को देखा तो पाया कि उनके शरीर का तापमान बहुत बढ़ गया है. इसके बाद उन्होंंने गणपति के तापमान को कम करने के लिए उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगाया. जिसके सूखने के बाद भगवान श्री गणेश जी ने नदी में डुबकी लगवाई. मान्यता है कि वह दिन अनंत चतुर्दशी का दिन था. यही कारण है कि गणेश चतुर्थी के दसवें यानि अनंत चतुर्दशी के दिन उनकी मूर्ति का विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है.
गणेश विजर्सन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार गणपति बप्पा की विदाई के लिए जानी जाने वाली अनंत चतुर्दशी इस साल 08 सितम्बर 2022 को रात्रि 09:02 बजे प्रारंभ होकर 09 सितंबर 2022 को सायंकाल 06:07 बजे तक रहेगी. इस दिन गणेश विसर्जन के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त बन रहे हैं –
गणेश विसर्जन के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त – प्रात:काल 06:03 से 10:44 बजे तक गणेश विसर्जन के लिए दोपहर का शुभ मुहूर्त – दोपहर 12:18 से 01:52 बजे तक गणेश विसर्जन के लिए शाम का शुभ मुहूर्त – सायंकाल 05.00 से 06:31 बजे तक गणेश विसर्जन के लिए रात्रि का शुभ मुहूर्त – रात्रि 09:26 से 10:52 बजे तक
कैसे करें गणेश विजर्सन
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति की प्रतिमा को किसी नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित करने से पहले भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा करें. गणपति को नारियल, फल, फूल, मोदक आदि का भोग लगाने के बाद उनके मंत्रों का जप एवं आरती करें. इसके बाद गाजे-बाजे के साथ गणपति की प्रतिमा को “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे लगाते हुए किसी पवित्र नदी या सरोवर के किनारे ले जाएं. वहां पर गणपति की मूर्ति को विसर्जित करने से पहले एक बार फिर गणपति की प्रार्थना करें और पूजा में हुई भूल की क्षमा मांगते हुए अगले साल फिर आने का आमंत्रण दें और फिर खुद को सुरक्षित रखते हुए गणपति को नदी या सरोवर आदि में विसर्जित कर दें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)