NIA के हत्थे चढ़ा खालिस्तानी समर्थक लकी, बिश्नोई गैंग के सदस्य समेत 6 गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने देश में गैंगेस्टरों के सिंडिकेट को तोड़ने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत एक साथ 8 राज्यों में छापेमारी की थी. इस दौरान एजेंसी ने खालिस्तानी सहयोगी समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
गैंगेस्टरों के सिंडिकेट को तोड़ने के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अपनी छापेमारी में एक खालिस्तानी समर्थक लकी खोखर, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सहयोगी समते 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से मंगलवार को देश के 8 राज्यों में कुल 76 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी.
जिन आठ राज्यों में एनआईए की छापेमारी हुई थी उसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, दिल्ली, एनसीआर, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश है. एजेंसी की ओर से गिरफ्तार लकी खोखर कनाडा में बैठे नामित आतंकवादी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला का करीबी सहयोगी है जबकि बाकी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बराड़ के सहयोगी हैं.
खोखर पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है. छापेमारी के वक्त उसे राजस्थान के श्री गंगानगर से गिरफ्तार किया गया. खोखर कनाडा में बैठे अर्श डाला से सीधे और लगातार संपर्क में था और उसके लिए लड़कों की भर्ती करता था और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड प्राप्त करता था.
पिछले साल दर्ज किया था केस
जांच एजेंसी ने हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह संधू, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला समेत सात लोगों के खिलाफ पिछले साल 20 अगस्त को खुद ही संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया था. इस मामले में दीपक रंगा की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है.
एनआईए के प्रवक्ता के अनुसार, खोखर डाला के लिए काम कर रहा था, जो कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा सहित कई खालिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए भारत में अंतरराष्ट्रीय और इंटर स्टेट बॉर्डर पर हथियारों, गोला-बारूद समेत विस्फोट की तस्करी में शामिल रहा है.
देश छोड़ चुके हैं कई गैंगस्टर
एनआईए की जांच में सामने आया है कि भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे कई अपराधी पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, फिलीपिंस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए हैं. वहीं से ये जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों की योजना बनाते हैं. कई राज्यों में तो यह ग्रुप ड्रग्स, हथियारों की सप्लाई, हवाला, जबरन वसूली और हत्याओं को अंजाम देता है और नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटाता है.