कोलकाता रेप-मर्डर केस: रोगी कल्याण समिति भंग… ममता की अपील पर क्या डॉक्टर वापस लेंगे आंदोलन?
कोलकाता में मृत ट्रेनी डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स पिछले 34 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. शनिवार को सीएम ममता बनर्जी डॉक्टरों के धरना स्थल पर पहुंचीं और उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की हैं.
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स पिछले 34 दिनों से हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन को समाप्त करने को लेकर राज्य सरकार से बातचीत के कई प्रयास विफल हो चुके हैं. इस बीच, शनिवार को कोलकाता में भारी बारिश के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साल्टलेक स्थित स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के धरना स्थल पर पहुंचीं और डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील कीं.
इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के रोगी कल्याण समिति को भंग करने की घोषणा की. उन्होंने राज्य के सभी अस्पतालों के रोगी कल्याण समिति को भंग करने का भी ऐलान किया.
9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर कर दिया गया था.उसी दिन से जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की है. उन्होंने पीड़िता को न्याय के अलावा सरकारी अस्पताल में सुरक्षा की भी मांग की और भ्रष्टाचार की शिकायत की. आरजी कर मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
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ममता ने रोगी कल्याण समिति किया भंग
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर आरजी कर अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई कर रही है. उस घटना में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया था. आंदोलनकारियों ने अस्पताल पर ‘धमकाने’ का आरोप लगाया है. आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने ‘दादागिरी’ के आरोपी डॉ. अभिक डे, विरुपाक्ष बिस्वास को सस्पेंड कर दिया है. सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति की ओर भी उंगलियां उठाई गई हैं. इस बार ममता ने इसे भंग कर दिया.
जूनियर डॉक्टर पिछले मंगलवार से पांच सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य भवन के सामने डटे हुए हैं. मुख्यमंत्री के साथ तीन दिनों की बैठक निर्धारित थी, लेकिन वह विफल हो गयी. शनिवार को ममता खुद मंच पर गईं और आंदोलन वापस लेने की अपील की हैं.
चर्चा के बाद लेंगे फैसला, प्रदर्शनकारी छात्रों का जवाब
दूसरी ओर, ममता बनर्जी की अपील पर प्रदर्शनकारी छात्र अनिकेत महतो का कहना है कि वे अब आंदोलन से हटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, ”आंदोलन जिस भावना से चल रहा था उसी भावना से जारी रहेगा. हम अपनी 5 सूत्री मांगों पर कहीं भी चर्चा करना चाहते हैं. हम जल्द ही काम पर लौटना चाहते हैं. हम किसी गलत काम का दावा नहीं कर रहे हैं. हम इस मांग पर चर्चा करना चाहते हैं. हम अभी इन 5 बिंदुओं पर किसी समझौते पर पहुंचने के लिए तैयार नहीं हैं.’
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ”मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव दिया है. हम पहले खुद चर्चा करेंगे. हम उसके बाद करेंगे. हम हमेशा चर्चा करना चाहते हैं. क्योंकि हम इस समस्या का स्वस्थ समाधान चाहते हैं.
मुख्यमंत्री की पहल का किया स्वागत, मांग पर अड़े
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ”मैं मुख्यमंत्री के इस कदम को एक सकारात्मक भूमिका के रूप में देखता हूं. उनका स्वागत है, लेकिन न्याय की पांच सूत्री मांग पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री आई हैं, बातचीत की इच्छा जता रही हैं. हम इसकी सराहना करते हैं. हम गतिरोध तोड़ना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वह तुरंत बातचीत की मेज पर बैठें. हम चाहते हैं कि वह हमारी मांग स्वीकार करें. लेकिन ऐसा नहीं है कि असहमति नहीं है.
कुछ ने कहा कि पहले हम अपनी चर्चा कर लें. फिर हम मीडिया को अपने फैसले से अवगत कराएंगे.’ एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, हम ममता को दीदी के रूप में नहीं चाहते थे, क्योंकि वह मुख्यमंत्री बनकर आएंगे. क्योंकि मुख्यमंत्री का पद दीदी से बड़ा है. और जब चर्चा की बात आती है तो हम लाइव स्ट्रीमिंग पर अड़े हुए हैं.