कोलकाता रेप-मर्डर केस: शर्तों के बीच फंसी डॉक्टर और ममता की बैठक, क्या 34 दिन बाद खत्म होगा आंदोलन?
कोलकाता में मृत ट्रेनी डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स पिछले 34 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. सीएम ममता बनर्जी से बैठक करने के लिए जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल कालीघाट स्थित सीएम के आवास पर पहुंचा है, लेकिन अभी तक बैठक नहीं शुरू हो पाई है.
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स पिछले 34 दिनों से हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन को समाप्त करने को लेकर राज्य सरकार से बातचीत के कई प्रयास विफल हो चुके हैं. इस बीच सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को जूनियर डॉक्टरों को फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. डॉक्टर बातचीत के लिए राजी हो गये हैं. सीएम ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर जूनियर डॉक्टरों का 32 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है, लेकिन बैठक की लाइव स्ट्रीम को लेकर दोनों पक्षों में गतिरोध बना हुआ है. डॉक्टर बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से इसे खारिज कर दिया गया है. इसे लेकर गतिरोध बना हुआ है.
इससे पहलेमुख्य सचिव मनोज पंत और स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी कालीघाट पहुंचे हैं और सीएम के साथ बैठक की. अब इस बैठक पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं कि क्या ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच होने वाली बैठक से हड़ताल समाप्त हो जाएगी?
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#WATCH | Kolkata, West Bengal: A delegation of junior doctors protesting over the RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case, arrive at the Chief Minister’s residence to attend a meeting with CM Mamata Banerjee regarding their demands. pic.twitter.com/XpD7KWrntt
— ANI (@ANI) September 14, 2024
इससे पहले शनिवार को कोलकाता में भारी बारिश के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साल्टलेक स्थित स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के धरना स्थल पर पहुंची थीं और डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी.
इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के रोगी कल्याण समिति को भंग करने की घोषणा की. उन्होंने राज्य के सभी अस्पतालों के रोगी कल्याण समिति को भंग करने का भी ऐलान किया.
9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर कर दिया गया था.उसी दिन से जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की है. उन्होंने पीड़िता को न्याय के अलावा सरकारी अस्पताल में सुरक्षा की भी मांग की और भ्रष्टाचार की शिकायत की. आरजी कर मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
ममता ने रोगी कल्याण समिति किया भंग
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर आरजी कर अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई कर रही है. उस घटना में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया था. आंदोलनकारियों ने अस्पताल पर ‘धमकाने’ का आरोप लगाया है. आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने ‘दादागिरी’ के आरोपी डॉ. अभिक डे, विरुपाक्ष बिस्वास को सस्पेंड कर दिया है. सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति की ओर भी उंगलियां उठाई गई हैं. इस बार ममता ने इसे भंग कर दिया.
जूनियर डॉक्टर पिछले मंगलवार से पांच सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य भवन के सामने डटे हुए हैं. मुख्यमंत्री के साथ तीन दिनों की बैठक निर्धारित थी, लेकिन वह विफल हो गयी. शनिवार को ममता खुद मंच पर गईं और आंदोलन वापस लेने की अपील की हैं.
मुख्यमंत्री की पहल का किया स्वागत, मांग पर अड़े
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ”मैं मुख्यमंत्री के इस कदम को एक सकारात्मक भूमिका के रूप में देखता हूं. उनका स्वागत है, लेकिन न्याय की पांच सूत्री मांग पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री आई हैं, बातचीत की इच्छा जता रही हैं. हम इसकी सराहना करते हैं. हम गतिरोध तोड़ना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वह तुरंत बातचीत की मेज पर बैठें. हम चाहते हैं कि वह हमारी मांग स्वीकार करें. लेकिन ऐसा नहीं है कि असहमति नहीं है.
कुछ ने कहा कि पहले हम अपनी चर्चा कर लें. फिर हम मीडिया को अपने फैसले से अवगत कराएंगे.’ एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, हम ममता को दीदी के रूप में नहीं चाहते थे, क्योंकि वह मुख्यमंत्री बनकर आएंगे. क्योंकि मुख्यमंत्री का पद दीदी से बड़ा है. और जब चर्चा की बात आती है तो हम लाइव स्ट्रीमिंग पर अड़े हुए हैं.