‘मेरी सरकार पंजाबियों के प्रति जवाबदेह, आपके लिए नहीं’- फिर भिड़े भगवंत मान और राज्यपाल
पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री मान से उनके पत्र का जवाब एक पखवाड़े के भीतर देने को कहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर वह कानूनी सलाह लेने को बाध्य होंगे.
पंजाब में एक बार फिर से राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने सामने आ गए हैं. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सोमवार को एक सरकारी नियुक्ति और विदेश यात्रा के लिए सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के चयन पर सवाल उठाया, जिसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार केवल पंजाबियों के प्रति जवाबदेह है, न कि केंद्र की ओर से नियुक्त राज्यपाल के प्रति.
विवाद उस समय शुरू हुआ जब पुरोहित ने मान को लिखे पत्र में एक प्रशिक्षण संगोष्ठी के लिए सिंगापुर भेजे गए सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के चयन का विस्तृत ब्योरा मांगा और कहा कि उन्हें इस संबंध में कदाचार और अवैधता की शिकायतें मिली हैं. राज्यपाल ने गुरिंदरजीत सिंह जावंदा को पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी निगम का अध्यक्ष नियुक्त करने पर भी सवाल उठाया और कहा कि उनका नाम अपहरण और संपत्ति हड़पने के मामलों में आया था.
प्रधानाचार्यों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं- सीएम मान
भगवंत मान नीत आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने सरकारी स्कूलों के 36 प्रधानाचार्यों को छह से 10 फरवरी के बीच सिंगापुर में पेशेवर शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी में हिस्सा लेने के लिए भेजा था.पुरोहित ने अपने पत्र में कहा, मुझे सिंगापुर प्रशिक्षण के लिए भेजने के वास्ते प्रधानाचार्यों के चयन के संबंध में शिकायतें मिली हैं. शिकायतों में इन प्रधानाचार्यों के चयन में कुछ कदाचार और अवैधताओं की ओर इशारा किया गया है. आरोप है कि प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी.
उन्होंने कहा, इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि आप चयन प्रक्रिया के मानदंड और अन्य जानकारी मुझे भेजें. कृपया मुझे यह भी जानकारी दें कि क्या इस संबंध में विस्तृत जानकारी पूरे पंजाब में प्रकाशित की गई. खबरों के मुताबिक, पहला बैच वापस आ गया है, कृपया बताएं कि प्रशिक्षण पर भेजने के लिए उनकी यात्रा, रहने-खाने और अन्य मदों में कुल कितना खर्च आया.
जवाब दें नहीं तो कानूनी सलाह लेंगे- राज्यपाल
पुरोहित ने मान से कहा कि वह एक पखवाड़े के भीतर पत्र का जवाब दें, अन्यथा वह आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह लेंगे. राज्यपाल ने इसके साथ ही आईपीएस अधिकारी कुलदीप चहल पर कार्रवाई न करने को लेकर भी मान से सरकार पूछे हैं.
सुरक्षा से जुड़ी बैठक में आम आदमी पार्टी के करीबी नवल अग्रवाल की एक मीटिंग में मौजूदगी पर भी राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से जवाब मांगा है. राज्यपाल ने अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति ना दिए जाने पर भी नाराजगी जताई है. पंजाब सरकार की ओर जारी विज्ञापनों की जानकारी भी अभी तक मुहैया ना करवाए जाने को लेकर भी राज्यपाल पुरोहित ने सीएम मान पर निशाना साधा है. राज्यपाल ने कहा कि अगर 15 दिन के अंदर मुझे जानकारी मुहैया नहीं कराई गई तो मैं कानूनी सलाह लेकर कार्रवाई करूंगा.