Nirmala Vs Chidambaram: ₹2000 के नोट पर दो वित्त मंत्रियों की भिड़ंत, निर्मला ने चिंदबरम को दिया करारा जवाब
देशभर में इन दिनों ₹2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया चल रही है. अब इस मुद्दे पर देश के दो वित्त मंत्रियों के बीच तीखी बयानबाजी देखी गई है. देश की मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को करारा जवाब दिया है.
देशभर में ₹2000 के नोट बदलने का काम चल रहा है, जो 30 सितंबर तक चलने वाला है. अब इसे लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और मौजूदा फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के बीच तीखी बयानबाजी देखी गई है. इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चिदंबरम को करारा जवाब दिया है.
अब हुआ ये है कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर केंद्र सरकार देशभर में कई तरह के कार्यक्रम कर रही है. जबकि विपक्षी दल कांग्रेस इस मौके पर सरकार की विफलताओं को जनता के सामने रख रही है. ऐसे ही एक कार्यक्रम के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को मुंबई में थी, जहां उनसे पी. चिदंबरम ₹2000 के नोट पर आए बयान को लेकर सवाल-जवाब किया गया.
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क्या बोले पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम?
कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मोदी सरकार ही ₹2000 के नोट को लेकर आई और उसने ही इसे वापस ले लिया. ये भारतीय मुद्रा की स्थिरता पर विश्वसनीयता पर लोगों का भरोसा कम करेगी. चिंदबरम ने इसे सरकार का ‘बेकार’ और ‘बेवकूफाना’ कदम बताया.
निर्मला ने ऐसे किया पलटवार
चिंदबरम के बयान को लेकर जब वित्त मंत्री से सवाल किया गया, तो उन्होंने तीखा पलटवार किया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी करना उन्हें शोभा नहीं देता है. उन्होंने ₹2000 का नोट वापस लेने के फैसले को मोदी सरकार से जोड़ने से इंकार कर दिया.
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उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जानते हैं कि मुद्रा को लेकर कोई भी फैसला आरबीआई करता है. ऐसे में इस मुद्दे पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने का कोई मतलब नहीं है. वहीं करेंसी का मामला संप्रभुता का मामला है, जिस पर केंद्रीय बैंक निर्णय लेता है. इसके अलावा ₹2000 के नोट की उम्र भी पूरी हो चुकी है.
महंगाई कंट्रोल करने की पूरी कोशिश
हालांकि सीतारमण और चिदंबरम की ये भिड़ंत यहीं नहीं रुकी. पी. चिदंबरम ने केंद्र के अर्थव्यवस्था संभालने को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2022-23 की तीन तिमाहियों में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार गिरी है. मौजूदा हालत 2004 से 2009 के दौरान औसत 9 प्रतिशत की ग्रोथ से काफी दूर हैं. बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ती असमानता देश के सामने बड़े मुद्दे हैं.
इस पर निर्मला ने कहा कि सरकार कीमतों के दबाव पर नजर रखे हुए है और लगातार महंगाई को नीचे लाने की कोशिश कर रही है. रिटेल इंफ्लेशन अब घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गई है.