Russia Ukraine War: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी जर्मन समकक्ष एनालिना बेयरबॉक से यूक्रेन संकट पर की चर्चा

Russia Ukraine War: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी जर्मन समकक्ष एनालिना बेयरबॉक से यूक्रेन संकट पर की चर्चा

इससे पहले जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा था कि भारत वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए वार्ता और कूटनीतिक माध्यम का पक्षधर है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए उन्होंने कुलेबा से बात की.

S Jaishankar

Russia Ukraine War: विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने शनिवार को अपनी जर्मन समकक्ष एनालिना बेयरबॉक (Annalena Baerb of Germany) के साथ बातचीत की जिसमें उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘जर्मनी की विदेश मंत्री एनालिना बेयरबॉक के साथ यूक्रेन की स्थिति पर टेलीफोन पर आज चर्चा हुई.’ उन्होंने कहा, ‘अपना-अपना दृष्टिकोण साझा किया और सम्पर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की.’

गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महत्वपूर्ण मतदान से पहले इस पूर्वी यूरोपीय देश के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने शुक्रवार को विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर बात की थी और यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को लेकर अपना आकलन साझा किया. विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अलग-अलग बातचीत की थी और इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिये बातचीत और कूटनीति सबसे अच्छा रास्ता है.

यूक्रेन ने सुरक्षा परिषद में भारत से समर्थन का आग्रह किया था

इससे पहले शुक्रवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात की थी. इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के हमले की निंदा और इसे समाप्त करने वाले प्रस्ताव पर भारत के समर्थन का आग्रह किया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार आधी रात के बाद प्रस्ताव पर मतदान होगा. टेलीफोन पर हुई बातचीत में, कुलेबा ने जयशंकर से आग्रह किया कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर समर्थन देने के अलावा रूस पर भारत के प्रभाव का इस्तेमाल कर ‘सैन्य आक्रमण’ को रोकने का प्रयास करें.

भारत वार्ता और कूटनीतिक माध्यम का पक्षधर

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा था कि भारत वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए वार्ता और कूटनीतिक माध्यम का पक्षधर है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए उन्होंने कुलेबा से बात की. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा का कॉल आया. उन्होंने वर्तमान स्थिति को लेकर अपना आकलन साझा किया. मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत समाधान निकालने के लिए कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है.’

मतदान में भारत ने नहीं लिया हिस्सा

भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘आक्रामक बर्ताव’ की ‘कड़े शब्दों में निंदा’ करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया. सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था. भारत ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका क्योंकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने इस पर वीटो किया था.

(इनपुट-भाषा)

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