कश्मीर में 45 साल से रुका पड़ा है ये प्रोजेक्ट, सिंधु जल संधि पर रोक के बाद सीएम अब्दुल्ला ने शुरू करने की उठाई मांग

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि के निलंबन के मद्देनज़र उत्तरी कश्मीर में लंबे समय से रुके तुलबुल नेविगेशन बैराज परियोजना को फिर से शुरू करने की अपील की है. उन्होंने इस परियोजना से बिजली उत्पादन में सुधार और झेलम नदी में नेविगेशन में वृद्धि की संभावनाओं पर प्रकाश डाला है.
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को सस्पेंड कर दिया था, जिसके बाद अब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर में लंबे समय से रुके हुए तुलबुल नेविगेशन बैराज प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की अपील की है. उन्होंने सिंधु जल संधि के हाल के अस्थायी निलंबन को जरूरी वॉटर इंफ्रास्ट्रक्चर पहलों पर फिर से विचार करने का अवसर बताया है.
एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने वुलर झील के पास तुलबुल प्रोजेक्ट के रणनीतिक और विकास पर अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा, ‘उत्तरी कश्मीर में वुलर झील है. वीडियो में आप जो सिविल कार्य देख रहे हैं, वह तुलबुल नेविगेशन बैराज है. इसे 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया था, लेकिन सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए पाकिस्तान के दबाव में इसे रोक दिया गया था.’
बिजली उत्पादन में होगा सुधार
सीएम अब्दुल्ला ने आगे लिखा, ‘अब जब IWT को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, तो मुझे आश्चर्य है कि क्या हम इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू कर पाएंगे. इससे हमें नेविगेशन के लिए झेलम का उपयोग करने की इजाजत मिलने का लाभ मिलेगा. इससे डाउनस्ट्रीम पावर प्रोजेक्ट्स के बिजली उत्पादन में भी सुधार होगा. खासकर सर्दियों में होगा.’
The Wular lake in North Kashmir. The civil works you see in the video is the Tulbul Navigation Barrage. It was started in the early 1980s but had to be abandoned under pressure from Pakistan citing the Indus Water Treaty. Now that the IWT has been temporarily suspended I pic.twitter.com/MQbGSXJKvq
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 15, 2025
तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट का उद्देश्य वुलर झील से झेलम नदी में पानी के प्रवाह को रेगुलेट करना है. इसे एक जरूरी नेविगेशन और सिंचाई पहल के रूप में माना गया था. हालांकि 1960 की सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत पाकिस्तान की आपत्तियों के कारण यह दशकों से अधर में लटका हुआ है.
बांदीपोरा में है वुलर झील
वुलर झील को कश्मीर में वोलर के नाम से भी पुकारते हैं. ये झील भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है. ये जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में स्थित है. झील बेसिन टेक्टोनिक गतिविधि के चल बना था. साथ ही साथ झेलम नदी, मधुमती और अरिन नदियों की ओर से पोषित है. झील का आकार मौसम के मुताबिक, 30 से 189 वर्ग किलोमीटर तक बदलता रहता है. इसके अलावा, 1950 के दशक में तट पर विलो वृक्षारोपण के चलते झील का तमाम भाग सूख चुका है.