रूसी जंग खत्म करने में भारत के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद- अमेरिका

रूसी जंग खत्म करने में भारत के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद- अमेरिका

एंटनी ब्लिंकन और जयशंकर ने जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत द्वारा अब तक किए गए कार्यों के अलावा एक ऐसा एजेंडा बनाने पर चर्चा की, जो उन्हें वैश्विक तथा रणनीतिक साझेदारी से जुड़े मुद्दों से निपटने में मदद करे.

वाशिंगटनः भारत की ओर से जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की एक बेहद सफल बैठक की मेजबानी करने के बाद अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि भारत जी-20 की अपनी अध्यक्षता की बेहद आशाजनक शुरुआत करने जा रहा है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच जंग को खत्म करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास नैतिक स्पष्टता के साथ बातचीत करने की क्षमता है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आज तक जिस तरह से उन्होंने जी-20 का नेतृत्व किया है, उसके लिए हम अपने भारतीय भागीदारों के आभारी हैं. जैसा कि आपने बताया कि अभी इस साल बहुत कुछ और किया जाना है… भारत जी-20 की अपनी अध्यक्षता की एक बहुत ही आशाजनक शुरुआत करने जा रहा है.”

भारत के साथ काम जारी रखेंगेः प्राइस

रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करने के लिए भारत की भूमिका के बारे में एक सवाल के जवाब में नेड प्राइस ने कहा, “भारत में वह क्षमता है जिसे हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जबरदस्त नैतिक स्पष्टता के साथ बोलते हुए देखा है. प्रधानमंत्री ने पिछले साल कहा था, “यह युद्ध का दौर नहीं है.” प्रधानमंत्री मोदी और उनके देश ने युद्ध से होने वाले प्रभाव के बारे में उपयोगी बातें कही.

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प्राइस ने कहा, “हम अपने भारतीय भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे, निश्चित रूप से जी-20 मेजबान के रूप में उनकी इसमें एक अनूठी भूमिका होगी. लेकिन, एक ऐसे देश के रूप में भी जिसके साथ हमारी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है और एक ऐसे देश के रूप में जिसका रूस के साथ भी एक अनूठा संबंध है, उस देश ने लगातार यह बात किया है कि यह युद्ध का युग नहीं है और न ही ऐसा होना चाहिए.” उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम इस युद्ध को खत्म करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर सकते हैं, इस रूसी आक्रमण का अंत कर सकते हैं जो कि इसके मूल में बस सहन करने योग्य है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में सिद्धांतों के अनुरूप है.”

कानून आधारित शासन दुनिया के लिए अहमः प्राइस

प्राइस ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी पर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के बीच नई दिल्ली में चर्चा की गई. प्राइस ने भारत के साथ संबंधों को अमेरिका के सबसे अहम संबंधों में से एक बताते हुए कहा, “ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम भारत के साथ मिलकर हर उस चीज पर काम करते हैं, जो हमारे लिए प्राथमिकता है और जो भारत के लिए भी प्राथमिकता है… इसमें हमारी आपसी समृद्धि को बढ़ाना, लोकतंत्र का समर्थन करना, जलवायु संकट पर काबू पाना और अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित शासन को कायम रखना शामिल है.”

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उन्होंने कहा, “कानून आधारित शासन दुनियाभर में हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संदर्भ में यह अमेरिका और भारत, दोनों के लिए बेहद अहम है.” प्राइस ने कहा, “यह एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण और संरक्षण में मदद करता है. यह एक ऐसा नजरिया है, जो हम भारतीय समकक्षों के साथ साझा करते हैं.”

एंटनी ब्लिंकन और जयशंकर ने जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों और वित्त मंत्रियों की बैठक में भारत द्वारा अब तक किए गए कार्यों के अलावा एक ऐसा एजेंडा बनाने पर चर्चा की, जो उन्हें वैश्विक तथा रणनीतिक साझेदारी से जुड़े मुद्दों से निपटने में मदद करे. प्राइस ने कहा कि जी-20 भारत और अमेरिका के लिए बेहद अहम है.इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मॉस्को के “गैर-जिम्मेदाराना निर्णय” को उलटने और न्यू स्टार्ट (स्ट्रेटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीट) परमाणु हथियार कटौती संधि को फिर से लागू करने का अनुरोध किया.

इनपुट- एजेंसी/ भाषा