अमेरिका: चीनी ‘जासूसी’ गुब्बारे के मलबे की तलाश पूरी, सामने आएगा ड्रैगन का राज

अमेरिका: चीनी ‘जासूसी’ गुब्बारे के मलबे की तलाश पूरी, सामने आएगा ड्रैगन का राज

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी निगरानी गुब्बारों को जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था, क्योंकि यह सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी था. उन्होंने कहा कि सेना ने इसके विशाल आकार को देखते हुए इसे जमीनी क्षेत्र के ऊपर मार गिराने से बचने की सलाह दी थी.

अमेरिका में चीनी गुब्बारे और फिर यूएफओ को मार गिराए जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. अब अमेरिका के हाथ चीन के इन जासूसी गुब्बारे का सबसे अहम मलबा लग गया है जो ड्रैगन की पोल खोल देगा. सेना के उत्तरी कमान ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका ने कथित चीनी जासूसी गुब्बारे से मलबे की खोज पूरी कर ली है, जिसे इस महीने की शुरुआत में मार गिराया गया था. नॉर्थकॉम ने पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा कि अमेरिकी उत्तरी कमान को सौंपी गई नौसेना की संपत्तियों के सफलतापूर्वक पता लगाने और उच्च ऊंचाई वाले पीआरसी निगरानी गुब्बारे से मलबे को निकालने के बाद, दक्षिण कैरोलिना के तट पर 16 फरवरी को रिकवरी ऑपरेशन समाप्त हो गया.

इससे पहले अमेरिका ने खुलासा किया था कि चीन ने इन जासूसी गुब्बारे की मदद से भारत से लेकर खाड़ी देशों तक की जासूसी की है. 4 फरवरी को यूएस एफ-22 रैप्टर द्वारा अटलांटिक महासागर के ऊपर गिराए जाने से पहले गुब्बारे ने संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में यात्रा की थी. जानकारी के मुताबिक मलबे के अंतिम टुकड़ों को वर्जीनिया में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन लेबोरेटरी में जांच के लिए स्थानांतरित किया जा रहा है.

चीन और अमेरिका के बीच तनाव

हालांकि बीजिंग ने कहा कि उपकरण मौसम की निगरानी के लिए था और भटक गया था, जबकि वाशिंगटन ने इसे एक जासूसी ही माना. इस घटना को लेकर चीन और अमेरिका के बीच संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. वहीं अमेरिकी जेट ने बाद के दिनों में तीन अज्ञात वस्तुओं को भी मार गिराया, लेकिन वाशिंगटन ने कहा है कि प्रारंभिक सबूत बताते हैं कि वे वस्तुएं व्यापक चीनी जासूसी कार्यक्रम में शामिल नहीं थीं.

दुनिया में सबसे सक्षम

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी गुब्बारे को नष्ट किए जाने के मद्देनजर कहा कि यह प्रकरण हमारे राजनयिकों और हमारे सैन्य पेशेवरों के बीच खुले संवाद को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है. उन्होंने कहा, हमारे राजनयिक आगे भी संवाद में शामिल होंगे और मैं भी (चीन के) राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) के साथ संवाद बनाए रखूंगा।. मैं हमारे खुफिया, राजनयिक और सैन्य पेशेवरों के पिछले कई हफ्तों में किए कार्य के लिए उनका आभारी हूं, जिन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि वे दुनिया में सबसे सक्षम हैं.

चीनी गुब्बारों को मार गिराने का आदेश

बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी निगरानी गुब्बारों को जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था, क्योंकि यह सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी था. उन्होंने कहा कि सेना ने इसके विशाल आकार को देखते हुए इसे जमीनी क्षेत्र के ऊपर मार गिराने से बचने की सलाह दी थी जो कई स्कूल बस के आकार के बराबर था और अगर इसे थल क्षेत्र के ऊपर मार गिराया जाता तो यह जमीन पर मौजूद लोगों के लिए खतरा हो सकता था.

अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य

उन्होंने कहा कि इसके बजाय हमने इसकी बारीकी से निगरानी की, हमने इसकी क्षमताओं का विश्लेषण किया और हमने इसके बारे में और जानकारी जुटाई कि यह कैसे काम करता है. बाइडन ने कहा कि हमने तब तक इंतजार किया जब तक यह जल क्षेत्र के ऊपर सुरक्षित नहीं पहुंच गया. इससे न केवल नागरिकों की रक्षा होती बल्कि आगे के विश्लेषण के लिए हम इसके पर्याप्त घटकों को पुन: प्राप्त भी कर पाते. फिर हमने एक स्पष्ट संदेश भेजते हुए इसे मार गिराया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है.