थकान और डिप्रेशन से बचने के लिए बिजली के झटके ले रहे लोग! लेकिन एक्सपर्ट क्यों चिंतित

थकान और डिप्रेशन से बचने के लिए बिजली के झटके ले रहे लोग! लेकिन एक्सपर्ट क्यों चिंतित

ब्रेन फॉग की कंडीशन में किसी इंसान के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है. ऐसी स्थिती में लोग हमेशा थकान, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, सिर दर्द, नींद न आना और छोटी-छोटी बातें भूल जाना जैसी परेशानियों का सामना करते हैं.

Brain Fog: कोविड महामारी के बाद लोगों ने एक नया शब्द सुना है. ये नया शब्द अब इतना चलन में आ गया है कि हर किसी की जुबान पर है. इस नए शब्द का नाम है- ब्रेन फॉग. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कोरोना महामारी से संक्रमित हुए लोगों को फोकस करने में दिक्कत हो रही है. इसके साथ ही, लोग भूलने भी लगे हैं. डॉक्टर्स इन दोनों समस्याओं को कोरोना का कारण बता रहे हैं. बता दें कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में लोग इससे निपटने के लिए खुद को बिजली का झटका दे रहे हैं.

Brain Fog को जानिए

ब्रेन फॉग कोई मेडिकल प्रॉब्लम नहीं है. ब्रेन फॉग की कंडीशन में किसी इंसान के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है. ऐसी स्थिती में लोग हमेशा थकान, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, सिर दर्द, नींद न आना और छोटी-छोटी बातें भूल जाना जैसी परेशानियों का सामना करते हैं. अब लोग इससे छुटकारा पाने के लिए घर पर हीब्रेन स्टिमुलेशन तकनीक अपना रहे हैं. इसमें घर पर ही शरीर को बिजली के झटके दिए जाते हैं, ताकि दिमाग की रफ्तार पहले जितनी तेज हो जाए. तकनीक में सिर पर इलेक्ट्रोड जोड़े जाते हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो इसकी साइंस अभी अर्ली स्टेज में है. ब्रेन स्टिमुलेशन 2010 के दशक से ही इस्तेमाल में आया है.

बुजुर्गों पर भी हुई रिसर्च

बीते साल अगस्त में इस तकनीक का इस्तेमाल बुजुर्गों पर भी किया गया. इसको लेकर नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में इसको लेकर एक स्टडी भी पब्लिश हुई थी. इसमें 65 से 88 साल की उम्र के 150 लोगों को शामिल किया गया. इन्हें किसी न किसी तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर था. इन्हें 20 मिनट के लिए हफ्ते में 4 दिन झटके दिए गए थे.

साइड इफेक्ट्स का भी खतरा

ब्रेन स्टिमुलेशन की तकनीक को आमतौर पर अस्पतालों में डॉक्टर्स की देखरेख में ही किया जाता है. लेकिन जिस तरह से लोग इस तकनीक को घर में इस्तेमाल कर रहे, उससे जाहिर तौर परहेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है. इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. इनमें खुजली, झुनझुनी और त्वचा जलना शामिल है. तकनीक को मेडिकल सुपरविजन में उपयोग करना ही सही है.

(इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. TV9 Hindi इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.