बजट 2025: जिस मिथिलांचल ने 2020 में बचाई नीतीश की सत्ता, उस पर मोदी सरकार मेहरबान क्यों?

बजट 2025: जिस मिथिलांचल ने 2020 में बचाई नीतीश की सत्ता, उस पर मोदी सरकार मेहरबान क्यों?

बिहार के मिथिलांचल इलाके में विधानसभा की 40 सीट है. 2020 में नीतीश के नेतृत्व में एनडीए ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 10 पर तेजस्वी यादव को जीत मिली थी. इस आंकड़े को बरकरार रखने के लिए ही मोदी सरकार मिथिलांचल पर मेहरबान हैं.

चुनावी साल में बिहार से ज्यादा मोदी सरकार मिथिलांचल को लेकर मेहरबान नजर आई. बजट 2025 में अकेले मिथिलांचल के निर्मला सीतारमण ने 2 बड़ी घोषणाएं की. इनमें पहली घोषणा मखाना बोर्ड बनाने की है.

मखाना बोर्ड के बनने से मखाना के उत्पादन और बिक्री में तेजी आएगी. दूसरी घोषणा वेस्टर्न कोसी कैनल को लेकर की गई है. इससे मिथिलांचल के दो जिले दरभंगा और मधुबनी को सीधा फायदा होगा.

4 जिले में विधानसभा की 40 सीटें

दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और सीतामढ़ी जिले के इलाके को मिथिलांचल कहा जाता है. मिथिलांचल इलाके में विधानसभा की करीब 40 सीटें हैं. वहीं इस इलाके में विधानसभा की 5 सीट है. मिथिलांचल का नाम राजा मिथ के नाम पर पड़ा है. त्रेता से पहले मिथिला नामक एक अलग प्रांत हुआ करता था.

राजा जनक मिथिला के ही राजा थे. उनके शासन में मिथिला की सीमा बिहार के साथ-साथ नेपाल के भीतर तक थी. नेपाल का मधेश इलाका पहले मिथिला का ही हिस्सा हुआ करता था. मिथिलांचल की आबादी मिश्रित है. यहां पर ब्राह्मण, दलित, निषाद और मुस्लिम के साथ-साथ यादव और कोइरी-कुशवाहा समाज का भी दबदबा है.

मिथिलांचल ने लालू के साथ खेल किया

2020 में चुनाव आयोग ने 3 चरणों में विधानसभा का चुनाव कराया. पहले चरण में दक्षिण बिहार की 70 सीटों के लिए चुनाव कराया गया. दूसरे चरण में मगध और सीमांचल की 94 सीटों के लिए चुनाव कराया गया, जबकि तीसरे चरण में तिरहुत और मिथिलांचल इलाके की 78 सीटों पर चुनाव हुआ.

लालू यादव की पार्टी ने पहले चरण के चुनाव में बढ़त हासिल की. आरजेडी गठबंधन को 70 में 47 सीटों पर जीत मिली. एनडीए गठबंधन ने 22 और अन्य ने एक सीट पर जीत दर्ज की. दूसरे चरण में मुकाबला टक्कर का रहा. एनडीए ने 51 और आरजेडी गठबंधन ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की. अन्य को 1 पर जीत मिली.

तीसरे चरण में हुए चुनाव में आरजेडी पिछड़ गई. तीसरे चरण में एनडीए को 52 और आरजेडी गठबंधन को 21 सीटों पर जीत मिली. अन्य ने 5 सीटों पर जीत हासिल की. तीसरे चरण में हुए खेल की वजह से आरजेडी गठबंधन 122 के जादुई आंकड़ों से 12 कदम दूर रह गई.

2020 के चुनाव में मिथिलांचल इलाके की 40 में से सिर्फ 10 सीटों पर आरजेडी को जीत मिली. 30 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की.

बीजेपी के लिए सेफ इलाका है मिथिलांचल

मिथिलांचल भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे सेफ इलाका माना जाता है. मिथिला इलाके से बीजेपी के कई बड़े नेता निकले हैं, जो देश की राजनीति में सक्रिय रहे. एक वक्त में ताराकांत झा और हुकुमदेव नारायण यादव का बीजेपी के केंद्रीय राजनीति में मजबूत दखल था.

2014 में जब नीतीश ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया, तब भी बीजेपी गठबंधन ने मिथिलांचल की सभी 5 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर ली. 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इस इलाके की सभी सीटों पर बीजेपी गठबंधन ने जीत दर्ज की है.

यही वजह है कि बजट में इलाके का खास ख्याल रखा गया है. बीजेपी और उसके सहयोगियों की नजर अब विधानसभा चुनाव में इस इलाके की 40 सीटों पर है. बिहार में आरजेडी मिथिला को साधने के लिए लगातार अलग राज्य के मुद्दे को तुल देने में लगी है.