ChatGPT का प्राइवेसी फीचर हुआ बेकार! सैमसंग ने AI चैटबॉट पर लगाई रोक

ChatGPT का प्राइवेसी फीचर हुआ बेकार! सैमसंग ने AI चैटबॉट पर लगाई रोक

सुरक्षा का हवाला देते हुए सैमसंग ने अपने सभी ऑफिशियल डिवाइस से AI टूल्स को ब्लॉक कर दिया है. अगर कंपनी का कोई भी एम्पलॉई ChatGPT का इस्तेमाल करता पाया गया, तो उसकी नौकरी जा सकती है.

ChatGPT को इस्तेमाल को लेकर स्थिति अब भी असमंजस वाली है. लोग फिलहाल कन्फ्यूज हैं कि उन्हें AI चैटबॉट का यूज करना चाहिए या फिर नहीं. यहां पर जो बड़ी समस्या उभरी है, वो है डेटा प्राइवेसी की. सैमसंग के डेटा लीक से जुड़ा मामला भी इसी तरफ ध्यान खींचता है.

दरअसल चैटजीपीटी की कंपनी OpenAI ने हाल में इस चैटबॉट मॉडल के साथ कुछ प्राइवेसी फीचर्स जोड़े हैं. लेकिन इसका कुछ खास असर होता नहीं दिख रहा है. और ना ही ये AI टूल यूजर्स का भरोसा जीत पाया है, क्योंकि हाल में सैमसंग ने एम्पलॉईज के लिए ChatGPT का इस्तेमाल बैन कर दिया है. इसे ठीक से समझिए…

ChatGPT की वजह से सैमसंग का डेटा हुआ लीक

सैमसंग के दफ्तर में ChatGPT का इस्तेमाल किया जा रहा था. इस बीच लगभग एक महीने पहले इस टूल के कारण कुछ कर्मचारियों से कंपनी का जरूरी डेटा लीक हो गया. महीने भर में ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ, जब AI चैटबॉट ने प्राइवेट डेटा को लीक किया.

कंपनी में कोडिंग को बेहतर करने के लिए ChatGPT का इस्तेमाल हो रहा था. लेकिन गलती से नए प्रोग्राम के सोर्स कोड और सीक्रेट मीटिंग नोट्स पब्लिक हो गए.

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ChatGPT स्टोर करता है डेटा?

ChatGPT खुद को बेहतर बनाने के लिए यूजर्स के डेटा को स्टोर कर रहा था. इसी वजह से सैमसंग के नए प्रोग्राम का सोर्स कोड और दूसरी जानकारी OpenAI के पास मौजूद थी. नए अपडेट के बाद अब भले ही ओपनएआई के नए प्राइवेसी फीचर में डेटा के लिए नए कंट्रोल मिलते हैं, लेकिन सैमसंग अब चैटबॉट भरोसा करने को तैयार नहीं है.

ChatGPT, Google Bard और Bing पर लगाई रोक

इस तरह की समस्या दोबारा न आए, इसके लिए सैमसंग ने नई पॉलिसी की अनाउंसमेंट की है. इसके मुताबिक कंपनी ने ChatGPT, Google Bard और Bing पर रोक लगा दी है. कंपनी का मानना है कि दूसरी कंपनी के सर्वर पर डेटा रखना सुरक्षित नहीं है. कंपनी के मुताबिक दूसरे सर्वर से डेटा रिकवर करना या डिलीट करना काफी मुश्किल है. अब कंपनी के ऑफिशियल डिवाइस से AI टूल्स को ब्लॉक हो गए हैं.

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हालांकि इसका असर कंपनी की तरफ से बेचे जाने वाले डिवाइस पर नहीं पड़ेगा. यानी अगर आपके पास सैमसंग के फोन, टैबलेट या दूसरे डिवाइस हैं, तो आप अपनी मर्जी से इनमें आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

अब सैमसंग लाएगी खुद का AI टूल

जहां तक मामला समझ आ रहा है, सैमसंग को दिक्कत AI से नहीं बल्कि दूसरी कंपनी के चैटबॉट से है. कंपनी अपना डेटा दूसरे सर्वर के हवाले नहीं करना चाहती. इसीलिए अब सैमसंग अपना खुद का AI टूल लाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी इस पर काम शुरू कर चुकी है. इसे सॉफ्टवेयर बनाने , ट्रांसलेशन और डॉक्यूमेंट मेंटेन करने में इस्तेमाल किया जाएगा.