रिश्वत की दुनिया के उस ‘लीजेंड’ की कहानी जो घूस में मांगता था प्लेन

रिश्वत की दुनिया के उस ‘लीजेंड’ की कहानी जो घूस में मांगता था प्लेन

कैप्टन अनिल गिल के ऊपर कई गंभीर आरोप लगे हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फ्लाइंग स्कूल से रिश्वत के रूप में तीन विमान लिए थे और हर विमान को 90-90 लाख रुपए की लीज पर अलग-अलग स्कूलों दे दिया था. इस मामल में जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा वैसे-वैसे कई और नाम भी सामने आ सकते हैं.

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अपने ही एक निदेशक कैप्टन अनिल गिल को सस्पेंड कर दिया. जानकारी के मुताबिक कैप्टन अनिल गिल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. भ्रष्टाचार का यह मामला सीबीआई और ईडी तक पहुंच चुका है. ऐसे में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को यह सख्त कदम उठाना पड़ा है. इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के भी कुछ लोग जांच के दायरे में आ सकते हैं.

टीवी9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के मुताबिक, कैप्टन अनिल गिल पर रिश्वत लेने का आरोप है. इसके साथ ही गैरवाजिब तरीके से कुछ विमानन कंपनियों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है. शुरुआती जांच में मंत्रालय को पूरे मामले में भ्रष्टाचार दिखा, इसके बाद यह मसला सीबीआई और ईडी तक पहुंचा. अंत में मंत्रालय ने कैप्टन अनिल गिल को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है.

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मंत्रालय के लोग निशाने पर

इस घटना में कैप्टन अनिल गिल के इतर और भी लोग निशाने पर हैं. आरोप जिस तरह के हैं उसमें एएआईजी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ग्रुप के लोग भी शामिल हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, किसी प्रशिक्षण स्कूल से जुड़ी गंभीर घटनाओं के बाद ऑडिट शुरू किया गया. जिसमें यह पता चला कि किस तरह से सभी की मिली भगत से रिपोर्ट को बदला जाता है. इसमें रेड बर्ड फ्लाइंग एकेडमी की जांच भी शामिल थी.

कौन हैं कैप्टन अनिल गिल?

कैप्टन अनिल गिल हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हरियाणा के करनाल की. इसके बाद उन्होंने दून वैली इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री हासिल की.

किसी ने गुमनाम तरीके से की थी शिकायत

सूत्रों के अनुसार, डीजीसीए को हाल ही में एक गुमनाम ईमेल प्राप्त हुआ था. इस ईमेल में कैप्टन गिल के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाए गए थे. ईमेल के मुताबिक कैप्टन गिल ने जबरदस्ती स्काईनेक्स एयरोफ्लाइट सॉल्यूशन नामक कंपनी को पाइपर पीए-28 विमान पर प्रशिक्षण के लिए चेक गणराज्य भेजने के लिए मजबूर किया.

विदेशी मुद्रा विनियमन के उल्लंघन का आरोप

कैप्टन गिल पर विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के उल्लंघन का भी आरोप है. जानकारी के मुताबिक, गिल ने अपनी बेनामी सेबर्स कॉपरेट साल्यूशन और विमान निर्माता (ब्रिस्टेल एयरक्राफ्ट) के बीच डीलरशिप संबंधों को एक्जिक्यूट करने के लिए किया था जिससे कि कमीशन निकाला जा सके. यह कमीशन विदेशी मुद्रा में होगा.

तीन विमानों के एवज में रिश्वत

गिल के ऊपर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फ्लाइंग स्कूल से रिश्वत के रूप में तीन विमान लिए और बदले में प्रत्येक विमान को 90 लाख रुपए के लीज पर अलग-अलग स्कूलों को पट्टे पर दे दिया. कैप्टन गिल उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों के नियमन में भी शामिल थे जहां पिछले कुछ महीनों में कई दुर्घटनाएं भी देखने को मिली है. इन दुर्घटनाओं के लिए खराब रखरखाव के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

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