छेड़छाड़ मामला: राजभवन के चार अधिकारी तलब, बंगाल पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया
इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पुलिस से मामले की जांत को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया था. उन्होंने आरोपों को बेतुका बताते हुए पुलिस की ओर से की रही जांच को तुरंत बंद करने के लिए कहा था. आरोपों को लेकर बंगाल में राजनीति भी तेज हो गई है.
पश्चिम बंगाल की पुलिस ने राज्य के राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर लगे छेड़खानी के आरोप मामले में राजभवन के चार अधिकारियों को तलब किया है. पुलिस की ओर से यह कदम मामले की जांच के सिलसिले में उठाया गया है. राजभवन के इन चार अधिकारियों ने महिला को राज्यपाल के कार्यालय से रोते हुए बाहर निकलते देखा था.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि छेड़छाड़ की कथित घटना के वक्त ये चारों अधिकारी राजभवन में मौजूद थे. इसलिए हमारी ओर से उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है. महिला ने भारतीय दंड संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए चार अधिकारियों के नाम लिए थे.
राजभवन की संविदा कर्मचारी ने दो मई को बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की. इससे पहले, महिला को गलत तरीके से रोकने के आरोप में राजभवन के तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
आरोपों को बेतुका बता चुके हैं राज्यपाल
हालांकि राज्यपाल अपने ऊपर लगे आरोप को बेतुका बता चुके हैं, लेकिन मामले की वजह से बंगाल की सियासत गरम हो गई है. पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके साथ दो बार छेड़खानी की गई. पीड़िता बार-बार कार्रवाई की मांग कर रही है. राज्यपाल पद को संवैधानिक छूट मिली हुई जिसके कारण बोस को पद पर रहते हुए आपराधिक आरोपों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सीसीटीवी फुटेज भी जारी कर चुका है राजभवन
इस महीने के दूसरे सप्ताह में राज्यपाल ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने फुटेज को जनता के लिए जारी करने का फैसला किया. राजभवन की ओर से फुटेज जारी होने के बाद राज्यपाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कोलकाता पुलिस की ओर से चल रही जांच को तुरंत बंद करने को कहा था. अब राजभवन के चार अधिकारियों को समन भेजे जाने के बाद यह बात साफ हो गई है कि पुलिस ने मामले की जांच बंद नहीं की है.