Holika Dahan 2023: पहली बार करने जा रहे हैं होलिका दहन तो जान लें सबसे सरल विधि और मंत्र
यदि आप पहली बार होलिका दहन की पूजा करने जा रहे हैं और आपको इसकी विधि और मंत्र आदि के बारे में जानकारी नहीं है तो आपके लिए यह लेख बड़े काम का है. पढ़ें होलिका की सबसे आसान पूजा विधि सिर्फ एक क्लिक में.
Holika Dahan 2023: हिंदू धर्म में रंगों के महापर्व होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन की परंपरा है. जिसकी पूजा के लिए लोग बहुत पहले से ही उसकी तैयारी करना प्रारंभ करना शुरु कर देते हैं और फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर देश के तमाम चौराहों पर लकडि़ंया इकट्ठी करके पूरे विधि-विधान से पूजा के बाद उसका दहन किया जाता है. इस साल तिथियों के उलटफेर के चलते देश के कुछ हिस्सों में 06 मार्च 2023 को तो कुछ हिस्सों में 07 मार्च 2023 को होलिका दहन होगा. यदि पंचांग के अनुसार आज आपके शहर में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त बन रहा है तो उसे जलाने से पहले आपको उसकी पूजा विधि और मंत्र आदि के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. आइए होली से पहले किए जाने वाले होलिका दहन की पूजा की सबसे सरल विधि जानते हैं.
होलिका दहन की तारीख – 07 मार्च 2023
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त – सायंकाल 06:24 से रात्रि 08:51 बजे तक रहेगा.
रंग वाली होली – 08 मार्च 2023
होलिका की पूजा से पहले करें ये तैयारी
होलिका दहन की पूजा को विधि-विधान से करने के लिए आपको उसकी पहले से तैयारी कर लेना चाहिए, ताकि पूजा करते समय कोई परेशानी न हो. होलिका दहन के लिए एक कोई भी थाली लेकर उसमें रोली, कुमकुम, साबुत हल्दी, काला तिल, कच्चा सूत, अक्षत, अबीर, गुलाल, साबुत मूंग, सूखा नारियल, फल-फूल, मिठाई-बताशे, मिट्टी का दीपक, गाय के गोबर से बने उपलों की माला, गेहूं की बाली और एक लोटा शुद्ध जल ले लें.
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कैसे करें होलिका दहन की पूजा
होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले लोटे में लिए जल को होलिका दहन वाले उस स्थान पर छिड़कें जहां पर आप उनकी पूजा करने जा रहे हैं. ऐसा करने पर उस स्थान की भूमि शुद्ध हो जाएगी. इसके बाद सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और उसके बाद होलिका की हल्दी, रोली, अक्षत, कुमकुम, फल-फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करें. इसके बाद होलिका की सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत लपेटें. इसके बाद उपलों की माला अर्पित करें और जब होलिका की अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो सबसे अंत में नारियल को काटकर उसमें थोड़ा काला तिल डालकर सिर पर सात बार वार लें और उसे जलती हुई होलिका में डाल दें और एक बार फिर जलती हुई होलिका की सात बार परिक्रमा करें. अंत में होलिका राख ठंडी होने पर उसे अपने घर ले जाएं और माथे पर प्रसाद स्वरूप धारण करें.
होलिका दहन की पूजा का मंत्र
होलिका दहन की पूजा करते समय कुछ शुभ मंत्र को बोले जाने की परंपरा है, जिन्हें बोले बगैर होलिका की पूजा अधूरी मानी जाती है. चूंकि होलिका की पूजा का संबंध होलिका, भगवान श्री विष्णु के अवतार नरसिंह भगवान और उनके परम भक्त प्रहलाद से है, ऐसे में होलिका दहन करते समय इनसे संबंधित मंत्रों का उच्चारण विशेष रूप से करना चाहिए. होलिका की पूजा के ‘ॐ होलिकायै नम:’, नरसिंह भगवान के लिए ‘ॐ नृसिंहाय नम:’ और भक्त प्रहलाद के लिए ‘ॐ प्रह्लादाय नम:’ मंत्र को पढ़ें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)