पुजारी को नोटिस पर भड़की BJP, CM सिद्धारमैया ने अब जारी किया ये बयान

पुजारी को नोटिस पर भड़की BJP, CM सिद्धारमैया ने अब जारी किया ये बयान

साल 2013 और 2022 के बीच कोडंडा रामास्वामी मंदिर के पुजारी के खाते में 4.74 लाख अतिरिक्त राशि जारी की गई. तहसीलदार ने पुजारी को यही राशि मंदिर के खाते में वापस करने का नोटिस जारी किया गया. पूरे मामले का भाजपा नेताओं ने भी जोरदार तरीके से विरोेध किया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तहसीलदार की गलती बता दी.

कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के कोडंडा रामास्वामी मंदिर के पुजारी हिरेमागलुरु कन्नन के मामले में अब एक मोड़ आ गया है. पुजारी को नोटिस जारी कर उनका आधा वेतन वापस मांगा गया है. लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि तहसीलदार की गलती की वजह से कन्नन को अधिक राशि दे दी गई. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि तहसीलदार की ओर से कन्नन को नोटिस जारी करना गलत है.

इसी के साथ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आगे लिखा कि पूरे मामले में कन्नन की कोई गलती नहीं है. मैं यह नोटिस जारी करने के लिए संबंधित अधिकारियों से बातचीत करुंगा. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से सोशल मीडिया पर बताया गया है कि तहसीलदारों ने कन्नन को अतिरिक्त पैसे का भुगतान किया, उनसे शेष राशि वसूलने का काम हमारा है.

जानें क्या है विवाद का ये मामला?

हिरेमागलुरु कन्नन पिछले 44 सालों से कल्याण कोडंडा रामास्वामी मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में सेवारत हैं. कन्नन को राज्य सरकार की ओर से हर माह 7500 रुपये का भुगतान किया जाता था. जब मंदिर की आय कम थी, तब भी उनको इतनी ही राशि मिलती थी. अब उनको प्रतिमाह 4500 रु. वापस करने का निर्देश दिया गया है. तहसीलदार ने नोटिस जारी कर उनको कुल 10 साल की राशि 4 लाख 74 हजार रुपये लौटाने के लिए नोटिस जारी किया है.

इसी नोटिस के सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिरेमागलुरु कन्नन को पैसे वापस करने के लिए नोटिस जारी करना ठीक नहीं. इसमें कन्नन की गलती नहीं है. वहीं मंत्री रामलिंगारेड्डी ने भी कहा कि वो आयुक्त को हिरेमागलुरु कन्नन को दिया गया नोटिस वापस लेने का निर्देश देंगे.

सीएम के बयान पर हुआ विवाद

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जिस तरह से तहसीलदार की भूमिका पर सवाल उठाये हैं, और अधिक भुगतान के लिए उनको जिम्मेदार ठहराया है उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश के अन्य मंदिरों में भी इसी आधार पर कार्रवाई होगी? सवाल ये भी है कि क्या ज्यादा आय वाले मंदिरों के पुजारियों को वहां की आय के मुताबिक भुगतान किया जा रहा है?

प्रदेश में सबसे बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या कम आय वाले मंदिरों के पुजारियों को कम वेतन दिया जाना चाहिए, जबकि अधिक आय वाले मंदिरों के पुजारियों को अधिक वेतन नहीं दिया जाना चाहिए?

बीजेपी नेताओं ने उठाया सवाल

कोडंडा रामास्वामी मंदिर के पुजारी को 2013 और 2022 के बीच उनके खाते में 4.74 लाख अतिरिक्त राशि दी गई, जिसे वापस करने के लिए जब नोटिस जारी किया गया तो उस पर विवाद खड़ा हो गया. कई भाजपा नेताओं ने सरकार की आलोचना की. बीजेपी नेताओं ने सरकार से इस नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की.

2 दिसंबर 2023 को पुजारी को जारी किए गए नोटिस के अनुसार राज्य सरकार ने मंदिर को कुल 3.36 लाख रुपये दिये. इस अवधि के दौरान पुजारी के खाते में 8.1 लाख रुपये जमा हो गए, जिसके बाद तहसीलदार ने पुजारी को 4.74 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि मंदिर के खाते में वापस करने का निर्देश दिया.