Mahashivratri 2023: क्या है ॐ नम: शिवाय मंत्र जपने के धार्मिक लाभ, शिव मंत्रों के फायदे
शिवपुराण में महाशिवरात्रि का महत्व बताते हुए कहा है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से शिव की आराधना और मंत्रों का जाप करता है, उसे वर्ष भर किए उपवासों से कई गुणा पुण्य की प्राप्ति कर लेता है. आइए जानते है इस महाशिवरात्रि के मौके पर शिवजी के किन-किन मंत्रों का जाप करके ज्यादा से ज्यादा लाभ पाया जा सकता है.
Mahashivratri 2023: आज महाशिवरात्रि का महापर्व है. यह त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए और हर तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से शिव आराधना की जाती है. भगवान शिव की पूजा में उनका जलाभिषेक किया जाता है. बेलपत्र, भांग और धतूरा समेत अन्य पूजा सामग्रियों को भोलेभंडारी को अर्पित करते हैं. इसके अलावा भगवान शिव की पूजा-उपासना में शिव जी के मंत्रों का विशेष महत्व होता है.
शिवपुराण में महाशिवरात्रि का महत्व बताते हुए कहा है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से शिव की आराधना और मंत्रों का जाप करता है उसे वर्ष भर किए उपवासों से कई गुणा पुण्य की प्राप्ति कर लेता है. आइए जानते है इस महाशिवरात्रि के मौके पर शिवजी के किन-किन मंत्रों का जाप करके ज्यादा से ज्यादा लाभ पाया जा सकता है.
पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’
शिवपूजा का सर्वमान्य पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’,जो प्रारंभ में ॐ के संयोग से षडाक्षर हो जाता है, भोलेनाथ को शीघ्र ही प्रसन्न कर देता है. यह मंत्र शिव तथ्य है जो सर्वज्ञ, परिपूर्ण और स्वभावतः निर्मल है इसके समान अन्य कोई नहीं है. हृदय में ‘ॐ नमः शिवाय’ का मंत्र समाहित होने पर संपूर्ण शास्त्र ज्ञान एवं शुभकार्यों का ज्ञान स्वयं ही प्राप्त हो जाता है.
वैज्ञानिक शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि ‘ॐ नमः शिवाय समेत अन्य मंत्रों के उच्चारण से तरंगित होने वाली ऊर्जा हमें सकारात्मकता ऊर्जा मिलती है और उत्तम स्वस्थ्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में महाशिवरात्रि पर ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शुभ फल को कई गुना बढ़ाया जा सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले शिवजी ने अपने पांच मुखों से यह मंत्र ब्रह्माजी को प्रदान किया था. शिव पुराण के अनुसार इस मंत्र के ऋषि वामदेव हैं एवं स्वयं शिव इसके देवता हैं. भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए यह मंत्र बहुत प्रभावी माना गया है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे. सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान्. मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
जब किस के ऊपर अकाल मृत्यु का संकट छाया हो और गंभीर बीमारियों से निजात पाने हो महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत ही फलदायी होता है. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से बड़े से बड़े संकट टल जाता है. इसलिए महाशिवरात्रि के मौके पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही फलदायी माना गया है.
ॐ नमस्ते अस्तु भगवन
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और मन से सभी तरह के भय से छुटकारा मिलता है.
शिव तांडव स्त्रोत
महान ज्ञानी और अनन्य शिवभक्त रावण ने शिव तांडव स्त्रोंत की रचना की थी. शिव तांडव स्त्रोत में भगवान की वंदना की गई है. शिव तांडव स्त्रोत के जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सफलताएं प्राप्त होती है और शत्रुओं का नाश होता है.
मंत्र करने के लाभ
पुराणों के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ ॐ नमः शिवायका जप ही काफी है. भोलेनाथ इस मंत्र से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं एवं इस मंत्र के जप से आपके सभी दुःख, सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और आप पर महाकाल की असीम कृपा बरसने लगती है. शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है. नियमित रूप से घर में इस मंत्र का जप करने से वहां का वास्तु दोष भी दूर होता है, सुख-शांति आती है.
मंत्र जपने के नियम
- जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए.
- इस मंत्र का जाप हमें शिवालय, तीर्थ या घर में साफ, शांत व एकांत जगह बैठकर करना चाहिए.
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार हर दिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए.
- शिव के ॐ नम: शिवायमंत्र का जाप किसी भी समय किया जाता है.