नाक तोड़ी…सिर हथौड़े से फोड़ा! 9 दिन बाद मिली 17 साल की निका शकरामी की लाश

नाक तोड़ी…सिर हथौड़े से फोड़ा! 9 दिन बाद मिली 17 साल की निका शकरामी की लाश

ईरान में 17 साल की निका शकरामी के साथ क्रूरता हुई. वो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी. प्रदर्शन के दौरान ही वो वहां से गायब हो गई. नौ दिन बाद उसका शव मां-बाप को सौंपा गया है.

एक दिन अचानक दरवाजें पर गाड़ियां रुकतीं हैं. हर पल निका शकरामी की आस लगाए बैठे मां-बाप को एक पल तो लगा कि उनकी बेटी घर लौट आई मगर वो उसकी लाश थी. ईरान पुलिस उसका शव सौंपने आई थी. उसका शव ऐसा था मानों उस 17 साल की लड़की के साथ हद से क्रूरता और बर्बरता की गई हो. उसकी नाक कुचल दी गई थी. ऐसा लग रहा था मानों उसकी नाक पर कितने घूंसे मारे गए हों. उसका सिर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त था. जैसे किसी भारी चीज हथौड़े या डंडों से बार-बार उसके सिर में मारा गया हो. उसने तड़प-तड़प कर अपनी जान दे दी.

वो 22 साल की महसा अमीनी की आवाज बनकर तेहरान सरकार को खुलेआम ललकार रही थी. नाम था निका शकरामी, उम्र महज 17 साल. निका को बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई उसको जबरदस्ती हिजाब पहनाए. वो घर से निकली और सीधे पहुंच गई तेहरान स्थित केशरवेज़ बुलेवॉर्ड. इस जगह पर हजारों ईरानी लड़कियां अपने हक की लड़ाई लड़ रहीं थीं. यहीं से उसको पुलिस पकड़कर ले गई और फिर कहां रखा, क्या किया कोई खबर नहीं. नौ दिन तक जब लड़की वापस नहीं आई तो मां-बाप ने हर जगह खोजा मगर उसकी कोई खबर नहीं मिली. थक हार कर मां-बाप घर ही बैठ गए. और फिर पुलिस ने उनकी बेटी की लाश लौटाई.

वो एक साहसी लड़की थी- दोस्त

निका शकारनी के दोस्त बताते हैं कि वो एक साहसी लड़की थी. वह गलत को गलत और सही को सही कहती थी. वो पुलिस, सरकार से भी लड़के की बात कहती थी. महसा अमीनी की घटना सुनकर वो कांप गई थी. वो बहुत गुस्से में थी. उसके पीछे पुलिस पड़ गई. वो काफी दूर भागी. भागने के बाद छिपकर उसनेअपनी एक दोस्त को फोन कॉल कर के कहा था कि वो पुलिस से बच कर छिप रही है. बस यही उसकी आखिरी कॉल थी.