इमरान PM रह जाते तो आज न होता पाकिस्तान… पूर्व सेना प्रमुख बाजवा ने किए कई खुलासे
बाजवा ने इमरान खान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान सऊदी के क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर पंजाबी में बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था.
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमला बोला हैं. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार देश के लिए खतरा है. पाकिस्तान की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने दावा किया कि अगर उनके नेता इमरान खान प्रधानमंत्री बने रहते, तो कोई पाकिस्तान नहीं होता. बाजवा से पाकिस्तानी पत्रकार जावेद चौधरी ने बातचीत की थी.
इस बातचीत में बाजवा ने एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया है कि उन्होंने इमरान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान सऊदी के क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर पंजाबी में बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था.उन्होंने आगे बताया कि इस बारे में इमरान खान के एक मंत्री ने ही सऊदी के राजदूत से चुगली कर दी थीं. हालांकि, पूर्व सेना प्रमुख ने मंत्री की पहचान उजागर नहीं की.
‘नेशनल असेंबली से इस्तीफा देने से रोका था’
उन्होंने जब बाजवा से पूछा था कि क्या उन्होंने खान को पिछले साल अप्रैल में उनके निष्कासन के बाद नेशनल असेंबली से इस्तीफा देने से रोका था, जिस पर उन्होंने हां में जवाब दिया था. चौधरी के मुताबिक, बाजवा ने खान से कहा था, ”प्रधानमंत्री जी! आप केवल एक मैच हारे हैं, श्रृंखला अभी बाकी है जिसमें आपको मुकाबला करना है.
इमरान ने नहीं सुनी मेरी बात-बाजवा
बाजवा के अनुसार, उन्होंने खान को बताया कि संसद में पीटीआई पार्टी और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बीच केवल दो वोटों का मामूली अंतर था. उन्होंने बांग्लादेश में खालिदा जिया के उदाहरण का हवाला देते हुए खान को नेशनल असेंबली से इस्तीफा नहीं देने की सलाह दी, जिनके राजनीतिक दल को एक समान निर्णय लेने के बाद काफी नुकसान हुआ. बाजवा ने बताया कि उन्होंने इमरान को सरकार बनाने की संभावनाओं पर जोर दिया. लेकिन इमरान ने का कोई जवाब नहीं दिया.
खान की सरकार के पतन के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, बाजवा ने कहा कि उनका एकमात्र दोष सरकार को बचाना नहीं था, यह कहते हुए कि खान खुद चाहते थे कि वे हस्तक्षेप करें. हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया गया था.
‘देश को खुद से ऊपर समझा’
चौधरी ने बाजवा से सवाल किया कि उन्होंने पीटीआई सरकार को क्यों नहीं बचाया, जबकि उन्होंने पहले ऐसा किया था. बाजवा ने जवाब दिया कि अगर मैंने अपने हित में काम किया होता तो खान का समर्थन करता और सम्मान के साथ रिटायर होता. लेकिन मैंने देश की भलाई को अपनी इज्जत से ज्यादा महत्वपूर्ण समझा.