तुर्की महाविनाश में देवदूत बने जूली, रोमियो, हनी और रैम्बो, रेस्क्यू के लिए प्रोटियो ने दी जान

तुर्की महाविनाश में देवदूत बने जूली, रोमियो, हनी और रैम्बो, रेस्क्यू के लिए प्रोटियो ने दी जान

स्निफर डॉग्स मलबे में मामूली हलचल को भी पहचान ले रहे हैं, जिससे एनडीआरएफ टीम यह जान पा रही है कि कोई व्यक्ति जिंदा वहां दबा है. इसके बाद उसको वहां निकाला जा रहा है. इन डॉग्स की मदद से काफी लोगों को बचाया जा सका है.

तुर्की और सीरिया में एक हफ्ते पहले आये विनाशकारी भूकंप में बेघर हुए लाखों लोग तंबुओं में खचाखच भरे हुए हैं. वहीं, मलबे में अब भी दबे जीवित लोगों को निकालने के लिए तलाश अभियान अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है. हालांकि अभी भी ऐसे तमाम लोग हैं जो अपनों की तलाश में भटक रहे हैं. इस तलाशी अभियान में एनडीआरएफ के साथ कुछ स्निफर डॉग्स भी हैं जो कि काफी ज्यादा मददगार साबित हो रहे हैं.

स्निफर डॉग स्क्वायड की टीम में जूली, रोमियो, हनी और रैम्बो नाम के लैब्राडोर नस्ल के कुत्ते शामिल हैं. इस स्क्वायड में विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग्स हैं. यह सब आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू के दौरान सूंघने और अन्य कौशल में विशेषज्ञ हैं. इन दिनों चारों में जूली और रोमियो का नाम काफी चर्चा में है. इन लोगों ने गंजियतेप शहर में इमारत के मलबे से 6 साल की बच्ची का पता लगाया था, जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने बच्ची को बाहर निकाला था.

भारत ने भी भेजी मदद

दरअसल तुर्की-सीरिया के इस आपदा की घड़ी में भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है. ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत से आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं, जो आपदा क्षेत्र में लगातार लोगों की मदद कर रही है. वहीं इस काम स्निफर डॉग काफी मददगार साबित हो रहे हैं.

मलबे में हलचल को पकड़ रहे डॉग्स

स्निफर डॉग्स मलबे में हलकी से हल्की हलचल को तेजी से पकड़ रहे हैं, जिससे वहां किसी के जीवित होने का पता चल रहा है और उसको निकाला जा रहा है. इसी कड़ी में इन डॉग्स की मदद से काफी लोगों को बचाया जा सका है. बीते गुरुवार को ही 6 साल की बच्ची को बाहर निकालने में स्निफर डॉग जूली ने मदद की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर बच्ची को कुछ और समय तक नहीं ढूंढा जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी.

रेस्क्यू ऑपरेशन में गंवा दी जान

इसी तरह मेक्सिको की डॉग स्क्वायड टीम में प्रोटियो था, जिसने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अपनी जान गंवा दी. मैक्सिकन रक्षा मंत्रालय ने रविवार को प्रोटियो को श्रद्धांजलि दी और कहा कि तुम्हारे वीरतापूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद, तुमने मैक्सिकन सेना के मिशन को पूरा किया. उन्होंने कहा कि हमारे महान साथी कुत्ते प्रोटियो के खोने का हमें अफसोस है. हमें प्रोटियो पर गर्व है. मैक्सिकन मीडिया के मुताबिक प्रोटियो मलबे में दबे लोगों को ढूंढ रहा था, इसी दौरान कुचलने की वजह से उसकी मौत हो गई.

अब तक 35000 लोगों की मौत

तुर्की और उत्तरी सीरिया में छह फरवरी को आये 7.8 तीव्रता के भूकंप में 35,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा पूरा का पूरा शहर वीरान और कंक्रीट के मलबे में तब्दील हो गया है. भूकंप पीड़ित जेहरा कुरुकाफा ने कहा कि बेघरों के लिए पर्याप्त संख्या में तंबु नहीं पहुंचे हैं, जिसके चलते लोगों को उपलब्ध तंबुओं में ही शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है. तुर्क अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि 1,50,000 से अधिक भूकंप पीड़ितों को प्रभावित प्रांतों से बाहर ले जाया गया है.