कंगाल पाकिस्तान को फिर दोस्तों का सहारा, क्या बर्बाद होने से बचा पाएंगे चीन और ईरान?

कंगाल पाकिस्तान को फिर दोस्तों का सहारा, क्या बर्बाद होने से बचा पाएंगे चीन और ईरान?

पाकिस्तान अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गया है कि अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उसे एक बार फिर अपने दोस्तों की ओर देखना पड़ रहा है.

पाकिस्तान इन दिनों भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस संकट से निपटने के लिए इसे किसी चमत्कार का इंतजार है. पाकिस्तान ऐसे मसीहे की तलाश कर रहा है जो इसकी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर ला सके और इसे बर्बाद होने से बचा सके. ऐसे में अब पाकिस्तान एक बार फिर अपने दोस्तों की ओर देखने को मजबूर है. पाकिस्तान की स्थिति इस वक्त ऐसी है कि इसके पास एक महीने के लिए आयात करने का भी विदेशी मुद्रा भंडार नहीं बचा है. ऐसे में पाकिस्तान को इस संकट से बाहर निकालने के लिए उसके पुराने दोस्त चीन और ईरान आगे आए हैं.

आर्थिक सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत को अंतिम रूप देने से पहले पाकिस्तान को चीन से 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बहुप्रतीक्षित सहायता राशि मिली है. वित्त मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है. डार ने ट्वीट किया, ‘स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान’ को ‘चाइना डेवलपमेंट बैंक’ से आज 70 करोड़ डॉलर का फंड मिला.’ इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमत्री शहबाज शरीफ ने ‘विशेष मित्र’ के प्रति आभार व्यक्त किया.

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20 फीसदी तक बढ़ेगा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार

सुरक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान का एक सहयोगी देश है, हम सभी सोच रहे थे कि वे आईएमएफ समझौते की प्रतीक्षा कर रहे थे और फिर वे अपनी भूमिका निभाएंगे लेकिन उस सहयोगी देश ने कुछ दिन पहले हमें बताया कि ‘हम आपको सीधे तौर पर वित्तीय मदद दे रहे हैं. इन बातों को कभी नहीं भुलाया जा सकता है.’ वहीं ईरान पाकिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ावा दे रहा है.

चाइना डेवलपमेंट बैंक से दिया गया लोन, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को लगभग 20 फीसदी तक बढ़ाएगी. चीन की तरफ से ये मदद ऐसे समय में की गई है जब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज लेने के लिए लंबे समय से कोशिश कर रहा है.

व्यापार को बढ़ावा दे रहा ईरान

ईरान वित्तीय संकट के बीच पाकिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ावा दे रहा है. Pkrevenue ने ईरान के महावाणिज्यदूत हसन नूरेनके हवाले से कहा कि ईरान ने संकटग्रस्त पाकिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए छह सीमा बाजारों की स्थापना की है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीनों में द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 2 अरब डॉलर तक पहुंच गई है, उन्होंने कहा कि लक्ष्य 5 अरब डॉलर निर्धारित किया गया है.

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वहीं उज़्बेकिस्तान ने भी पाकिस्तान की तरफ मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. उज़्बेकिस्तान ने शुक्रवार को ताशकंद में आयोजित व्यापार-आर्थिक और वैज्ञानिक-तकनीकी सहयोग (IGC) पर पाकिस्तान-उज़्बेकिस्तान अंतर-सरकारी आयोग की 8वीं बैठक में पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए $1 बिलियन का समझौता किया है.