रोजरी एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर विनय विवेक अरन्हा गिरफ्तार, बैंक से धोखाधड़ी का आरोप
विनय विवेक अरन्हा की कस्टडी कोर्ट ने 20 मार्च तक ईडी को दे दी है.
पुणे के रोजरी एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर विनय विवेक अरन्हा को गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार किया. इसके बाद उन्हें मुंबई में सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज के सामने पेश किया गया जहां कोर्ट ने 20 मार्च तक ईडी को उनकी कस्टडी दे दी है. विनय विवेक अरन्हा पर बैंक से धोखाधड़ी का आरोप है.
आरोप है कि विनय विवेक अरन्हा ने पुणे की कॉसमॉस कोऑपरेटिव बैंक से कुल 46 करोड़ रुपए के कई लोन लिए. इसके लिए उन्होंने प्रॉपर्टी के जिन डॉक्यूमेंट्स को गिरवी रखा था वह जाली थे. इतना ही उन्होंने लोन लेने के लिए बैंक को जिन कारणों का हवाला दिया था, पैसों का इस्तेमाल वहां करने के बजाय अपनी महंगी लाइफस्टाइल पर किया जिससे बैंक को 45 करोड़ का नुकसान हुआ.
पुणे में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच
दरअसल इस मामल में कॉस्मॉस बैंक के शिवाजी विट्ठल काले ने विनय अरन्हा और विवेक एंथोनी अरन्हा के खिलाफ पुणे में एफआईआप दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने प्रॉपर्टी के फेक डॉक्यूमेंट्स दिखाकर कॉसमॉस बैंक से 20.44 करोड़ रुपये का लोन लिया. ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.
ईडी की जांच में कई खुलासे
ईडी की जांच में पता चला कि विनय अरन्हा रोज़री एजुकेशन सोसाइटी का प्रमुख व्यक्ति था और उसने स्कूलों के नवीनीकरण और पुनर्विकास के लिए 46 करोड़ रुपये के कुल 7 लोन लिए थे. हालांकि उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल स्कूलों में करने के बजाय अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ मिलकर, उन्होंने 21 करोड़ रुपये M/s पैरामाउंट इन्फ्रास्ट्रक्चर, शब्बीर पाटनवाला, अश्विन कामत और M/s दीप्ति एंटरप्राइजेज को ट्रांसफर कर दिए.
इसके बाद भी इन पैसों का इस्तेमाल बताए गए मकसद के लिए नहीं हुआ बल्कि ये पूरा पैसा कैश में विनय अरन्हा के निर्देशानुसार उन्हें वापस दे दिया गया. इस तरह कुल लोन की रकम में से लगभग17.66 करोड़ विनय अरन्हा ने कैश में निकाले और बिना दस्तावेज के खर्च किए.