उड़ान भरते ही एलन मस्क की स्पेसएक्स ने आखिर क्यों ‘उड़ाया’ स्टारशिप?

उड़ान भरते ही एलन मस्क की स्पेसएक्स ने आखिर क्यों ‘उड़ाया’ स्टारशिप?

Space X के रॉकेट स्टारशिप की हाल ही में लॉन्चिंग हुई थी जिसके कुछ ही मिनटों बाद रॉकेट हवा में ही धूं-धूं कर जल गया था लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ था, आइए जानते हैं.

SpaceX ने हाल ही में अपने रॉकेट स्टारशिप को लॉन्च किया था लेकिन लॉन्च के बस कुछ ही मिनटों बाद आखिर ये रॉकेट कैसे फट गया, हर कोई हैरान था. बता दें कि अब सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि स्पेसएक्स ने इस बात का दावा किया है कि स्पेसएक्स ने उस ट्रिगर को पुल किया था जिसनें लॉन्च के बाद हवा में ही Starship को उड़ा दिया यानी एक्सप्लोड कर दिया था.

SpaceX का स्टारशिप रॉकेट लॉन्च के केवल चार मिनटों में ही एक्सप्लोड हो गया था और आग की लपटों में धूं-धूं कर जल गया. अब हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम को एक्टिवेट किया था, बता दें कि सुपर हेवी ये क्राफ्ट स्टारशिप से अलग होने में विफल रहा था.

जानें आखिर क्या रही वजह

लॉन्च के दो मिनट बाद स्पेसएक्स के प्रिंसिपल इंटीग्रेशन इंजीनियर John Insprucker ने कहा कि रॉकेट तीन मिनट पर स्टेज सेपरेशन की तैयारी में है. बता दें कि जैसा कि प्लान था मेन इंजन दो मिनट और 51 सेकंड पर बंद हो गया, लेकिन ऊपर स्टेज का कोन पृथ्वी की ओर वापस आने लगा और तीन मिनट और 31 सेकंड में रॉकेट अनियंत्रित हो गया था जिसके बाद 3 मिनट और 59 सेकंड्स पर सुपर हैवी से एक आग का गोला निकला और रॉकेट को हवा में ही उड़ा दिया गया.

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स्टारशिप में 33 पावरफुल रैप्टर इंजन दिए गए हैं जो इस रॉकेट को पावर प्रदान करते हैं. बेशक स्टारशिप का फाइनल परिणाम यानी रिजल्ट सफल नहीं रहा लेकिन फिर भी NASA, एलन मस्क और स्पेसएक्स की टीम इसे सफलता मानते हुए जश्न मना रही है क्योंकि कहा जा रहा है कि इस लॉन्च का मुख्य लक्ष्य स्टारशिप को लॉन्चपैड से टेक ऑफ कराना था. एलन मस्क ने कहा था कि टेस्ट फ्लाइट के दौरान स्पेसक्राफ्ट के विस्फोट होने की 50 प्रतिशत संभावना थी.

इस मिशन में खर्च हो गए इतने करोड़

इस पूरे मिशन के अगर खर्च की बात करें तो एलन मस्क ने बताया था कि इस प्रोग्राम में $3 बिलियन (लगभग 300 करोड़) से $10 बिलियन (लगभग 1000 करोड़) तक का खर्च आया है. इस मिशन ने इस वादे के साथ उड़ान भरी कि स्टारशिप आकाश में प्रति घंटे में 1242 माइल्स ट्रेवल करेगा और हर सेकंड के साथ ऊंचे स्तर पर चढ़ता जाएगा.

इस मिशन पर स्पेसएक्स ने कही थी ये बात

बता दें कि टेस्ट के बाद स्पेसएक्स ने ट्वीट किया कि इस तरह के परीक्षण से हमें जो सीख मिली उससे सफलता मिलती है और आज का परीक्षण हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा. यही वजह है कि पूरा फ्लाइट टेस्ट कंप्लीट हुए बिना ही रॉकेट के फेल होने पर भी स्पेसएक्स ने इसे सफलता बताया है.

क्यों खास है स्टारशिप?

कंपनी ने अपने इस रॉकेट के बारे में जानकारी थी कि इस रॉकेट की मदद से इंसानों को अन्य ग्रहों पर ले जाया सकेगा. कंपनी का लक्ष्य 2029 तक लोगों को अंतरिक्ष में भेजने का है, यही वजह है कि इस स्टारशिप ऑपरेशन को डेवलप किया गया था.