कौन करेगा बाघों की रखवाली?, टाइगर रिजर्व के 800 कर्मचारी चले गए अनिश्चित कालीन हड़ताल पर

कौन करेगा बाघों की रखवाली?, टाइगर रिजर्व के 800 कर्मचारी चले गए अनिश्चित कालीन हड़ताल पर

मध्य प्रदेश के उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 800 कर्मचारी अनिश्चतकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी 16 सूत्रीय मांगे हैं, जिन्हें कई वर्षों से पूरा करने की मांग करते आ रहे हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से टाइगर रिजर्व के जानवरों की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है.

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. कभी वन्यजीवों की मौत, कभी उनके हमले से ग्रामीणों की मौत तो कभी जंगल मे आग. अब एक नए मामले ने फिर से टाइगर रिजर्व को चर्चा में ला दिया है. टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में लगे 800 कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. उनकी 16 सूत्रीय मांग पूरी नहीं होंगी तब तक वह वापस अपने काम पर नहीं लौटेंगे.

एक साथ टाइगर रिजर्व के 800 कर्मचारियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने से मानसून सत्र में अवैध शिकार, उत्खनन और अवैध जंगल कटाई आदि अपराध में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है. कर्मचारी लगातार कई वर्षों से अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रबंधन को आवेदन देते रहे हैं. पार्क प्रबंधन इन कर्मचारियों को हमेशा नजर अंदाज करता आया है, जबकि प्रदेश सरकार और वन मुख्यालय भोपाल से इनकी सभी मांगों को वर्षों पहले मानते हुए आदेश जारी कर चुका है.

हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने रखी 16 मांगे

हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन अपनी हठधर्मिता के चलते उनकी मांगों और मुख्यालय के आदेश को लगातार नजर अंदाज करता आ रहा है. उनका कहना है कि किसी भी तरह की सुनवाई न होने के कारण मैदानी कर्मचारी थक हार कर आंदोलन कर रहे हैं. वह सभी 10 जून से जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ कर आर पार की लड़ाई कर रहे हैं.

मध्यप्रदेश वन कर्मचारी संघ भोपाल शाखा उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार पनिका ने बताया कि हमारी 16 सूत्रीय मांगे हैं. इन्हें पूरा करने पर ही वह हडताल खत्म करेंगे. इन मांगों में…

1- साप्ताहिक अवकाशः कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मप्र भोपाल का पत्र क्र/प्रबंध/3787 दिनांक 4 जून 2018 से वन कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिये जाने का आदेश किया गया था. लेकिन आज तक उन्हें साप्ताहिक अवकाश का लाभ नहीं दिया जा रहा है

2- बीट निरीक्षण में वसूली: वन कर्मचारी पूरे सप्ताह, दिन रात सभी मौसम में घर-परिवार से दूर रहकर पूर्ण निष्ठा से वन एवं वन्य प्राणियों की सूरक्षा करता है. लेकिन जांचकर्ता अधिकारी द्वारा बीट निरीक्षण में कर्मचारी की लापरवाही नहीं पाये जाने का उल्लेख करने पर भी वसूली करते हैं.

3- आयोजित हुए राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के खर्चे का भुगतानः राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन शासकीय स्तर पर नहीं मनाया जाता है. राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन मप्र वन कर्मचारी संघ शाखा- बांधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (मप्र) द्वारा कराया गया, जिसका सम्पूर्ण व्यय संघ से किया गया. तत्कालीन अधिकारियों द्वारा खर्चे का भुगतान बाद में करा दिया जायेगा कहा गया था, लेकिन आज तक नहीं किया गया.

4- पेट्रोल/बाइक की अनुमतिः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व-उमरिया में पदस्था कर्मचारियों पेट्रोल /बाइक की अनुमति नहीं दिया जा रहा है, जबकि कर्मचारियों से उनके निजी बाइक का उपयोग कराते हुये काम लिया जा रहा है.

5- निःशुल्क पार्क भ्रमण में कर्मचारियों को प्राथमिकताः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व-उमरिया में पदस्थ कर्मचारियों पार्क भ्रमण में कोई निःशुल्क सुविधा नही दिया जाता है, जबकि शासकीय वाहनों को वीआईपी के नाम से अन्यों को निःशुल्क सुविधा दिया जाता है.

6- मूलभूत सुविधाः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में पदस्थ कर्मचारियों के पास मूलभूत सुविधा नहीं है. बांधवगढ़ प्रशासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नही दिया जाता है.

7- लाईन क्वार्टरः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ कर्मचारी वन क्षेत्रों में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करता है. जहां पर वह अपने परिवार को नहीं रख सकता है. ऐसी स्थिति वह अपने परिवार को नजदीकी शहर /कस्बे में रखता है. जिससे उसे आर्थिक रूप से क्षति होता है. बांधवगढ़ प्रशासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नही दिया जाता है.

8- लंबित वेतन/एरियर भुगतानः लंबित वेतन/एरियर भुगतान के लिए कर्मचारियों को कई बार आवेदन करने पर बहुत देरी से दिया जाता है.

9- फार्म नं. 16: कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें फार्म नं. 16 हर वर्ष नही दिया जाता है, यह फार्म उन्हें हर वर्ष दिया जाए.

10- गोपनीय प्रतिवेदन का गुमनाः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ कर्मचारी / स्थानांतरित कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन का गुमने से कर्मचारियों को पदोन्नति /समयमान वेतनमान नही मिल पा रहा है.

11- गुमशुदा कटौत्रेः गुमशुदा कटौत्रे पर बांधवगढ़ प्रशासन द्वारा इस पर कोई धन नही दिया जाता है.

12- सेवा पुस्तिका का द्वितीय प्रतिः सेवा पुस्तिका का सत्यापित द्वितीय प्रति आज तक किसी कर्मचारियों को नहीं दिया गया.

13- पासबुक पुस्तिका का द्वितीय प्रतिः वर्ष 2007 के पूर्व भर्ती हुये किसी कर्मचारियों को पासबुक पुस्तिका का द्वितीय प्रति आज तक नहीं दिया गया.

14- पीटी एलाउंस व राशन भत्ताः पीटी एलाउंस व राशन भत्ता पूरे वर्ष का नहीं मिलता है.

15- सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतनः सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतन देने के लिए छानबीन समिति की बैठक नही होने से सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतन नहीं मिल रहा है.

16-सुरक्षा श्रमिकों की कमीः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनघायल/जनहानि के घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. इन हमलों में कर्मचारी भी घायल हुये हैं. बांधवगढ़ प्रशासन द्वारा सुरक्षा श्रमिकों की कमी को दूर करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

रिपोर्ट-सुरेन्द्र त्रिपाठी/