अंधेरे में करते हैं फोन का इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, वरना चली जाएंगी आंखें
Mobile effect on eyes sight: अंधेरे में मोबाइल चलाने की आदत से हैदराबाद की एक महिला की आंखों की रोशनी चली गई. यह महिला अंधेरे में घंटों सोशल मीडिया देखती थी. महिला का इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि स्मार्टफोन की लत से यूजर्स अंधे हो सकते हैं.
Using phone at night bad for eyes: हमारी जिंदगी मोबाइल का दखल काफी बढ़ गया है. कुछ यूजर्स को Smartphone की इस कदर लत होती है कि वे ना दिन देखते हैं ना रात, बस फोन चलाते रहते हैं. अगर आपको भी रातों को फोन चलाने की आदत है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि इससे आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है. हैदराबाद की एक महिला को रात में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की ऐसी लत लगी कि उसकी आंखों पर बन आई. रातों को सोशल मीडिया पोस्ट देखने की आदत से उसकी आंखों की रोशनी चली गई.
हैदराबाद में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर ने ट्विटर पर खुलासा किया कि कैसे एक 30 साल की महिला ने रोजाना रात को अंधेरे कमरे में स्मार्टफोन देखने की आदत की वजह से आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचाया है. डॉक्टर ने बताया कि महिला को फोन पर जरूरत से ज्यादा समय बिताने की आदत थी, जिसके कारण उसकी आंखों की रोशनी कम हो गई.
अंधेरे में फोन चलाने से हुई ये दिक्कत
डॉ. सुधीर ने ट्विटर थ्रेड में खुलासा किया कि मंजू नाम की एक मरीज उनके पास नजर के सामने तैरती चीजें दिखने, रोशनी की तेज चमक, डॉर्क जिगजैग पैटर्न और कभी-कभी चीजों पर नजरों के नहीं ठहरने के लक्षणों के साथ आई थी. जब उसकी मेडिकल जांच हुई तो पता चला कि वह स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (SVS) से पीड़ित है, जिससे अंधापन सहित आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.
नौकरी छोड़ी, आदत पड़ी भारी
डॉक्टर के अनुसार महिला की आंखों की रोशनी जाने के पीछे रात को अंधेरे में फोन का इस्तेमाल करना है. पिछले डेढ़ साल से वो ऐसा कर रही थी. डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने उसकी हिस्ट्री देखी, तो उन्हें पता चला कि महिला ने दिव्यांग बच्चे की देखभाल के लिए ब्यूटिशियन की नौकरी छोड़ दी. इसके बाद महिला को लाइट बंद करने के बाद दो घंटे से भी ज्यादा अंधेरे में मोबाइल चलाने की लत लग गई.
समय पर इलाज जरूरी
हालांकि, समय पर इलाज करने और फोन का कम इस्तेमाल करने से मंजू की आंखों की रोशनी ठीक हो गई. लेकिन कई ऐसे यूजर्स हैं जो लंबे समय तक स्क्रीन देखते हैं और स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (SVS) या कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS) या डिजिटल विजन सिंड्रोम (DVS) से पीड़ित होते हैं और समय से इलाज नहीं कराते हैं. इससे आंखों की रोशनी खत्म होने का खतरा रहता है.
20-20-20 Rule फॉलो करें
मौजूदा लाइफस्टाइल को देखते हुए मोबाइल चलाना भी जरूरी है. लेकिन इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. सुधीर सलाह देते हैं कि डिजिटल गैजेट्स की स्क्रीन को लंबे समय तक देखने से बचें, क्योंकि इससे आंखों से संबंधित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. डिजिटल स्क्रीन पर काम करते समय हर 20 मिनट में 20 सेकेंड का ब्रेक लें और 20 फीट की दूरी पर स्थित कोई चीज देखने की आदत बनाएं.