आज सुबह का सूरज देखेंगी सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां, तस्वीरों में देखें 11 दिन की जद्दोजहद

आज सुबह का सूरज देखेंगी सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां, तस्वीरों में देखें 11 दिन की जद्दोजहद

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए प्रयास अब अंतिम चरण में पहुंच गया है. इसके लिए एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और चिकित्सकों को घटनास्थल पर बुला लिया गया है.

उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है, जहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं क्योंकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान सुरंग में प्रवेश कर चुके हैं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि सुरंग के अंदर एक एम्बुलेंस भी तैनात की गई है और श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैयार रखी गई है. (फोटो पीटीआई)

एनडीआरएफ की एक टीम को शाम को सुरंग में प्रवेश करते देखा गया. निकासी की उम्मीद में विशेषज्ञों सहित 15 डॉक्टरों की एक टीम को साइट पर तैनात किया गया है. घटनास्थल पर 12 एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और बेड़े में 40 एम्बुलेंस को तैयार रखने की योजना थी.

सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाहर आने के बाद उनकी देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का एक अस्पताल तैयार कर लिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों के साथ-साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश भी अलर्ट पर है. सोमवार देर रात मलबे के बीच डाली गई छह इंच की नयी पाइपलाइन के जरिये श्रमिकों के रिश्तेदारों ने उनसे बात की थी.

दिल्ली में एक आधिकारिक सूचना में कहा गया कि बुधवार शाम छह बजे तक, उत्तरकाशी जिले में सुरंग के ढहे हिस्से के मलबे में 44 मीटर तक एक एस्केप पाइप डाला गया था. इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि अमेरिका निर्मित ऑगर मशीन को उन श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 57 मीटर के मलबे के माध्यम से ड्रिल करना पड़ा, जो 10 दिन पहले निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से फंस गए थे. इस हिसाब से, केवल 13 मीटर मलबा खोदा जाना बाकी था.