10 साल सजा, 7 लाख जुर्माना… वो कानून जिसकी वजह से हड़ताल पर गए ड्राइवर

10 साल सजा, 7 लाख जुर्माना… वो कानून जिसकी वजह से हड़ताल पर गए ड्राइवर

देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. देशभर में ट्रांसपोर्ट यूनियनों नए भारतीय न्याय संहिता के अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कानून को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है.

देशभर के ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं और तमाम यूनियन के लोग चक्का जाम की लगातार अपील कर रहे हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. गाजियाबाद में पब्लिक ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के बाद आम जनता को खासी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है. तमाम बस ड्राइवर और ऑटो ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं, जिसकी वजह से जनता परेशान है. किसी को अपने घर जाना है, तो किसी को अपने ऑफिस लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा बिल्कुल ठप कर दी गई है.

गाजियाबाद में बस अड्डे पर तमाम बस सेवाएं बंद हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा और सात लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया है, जिसके विरोध में तमाम बस और ऑटो चालकों ने हड़ताल कर दी है. उनका कहना है कि इस तरह के कानून ड्राइवरों के हित में नहीं है. यात्रियों का कहना है कि हड़ताल होने के बाद पब्लिक बहुत परेशान है और जो ऑटो चालक ऑटो चला रहे हैं वो दुगने पैसों की मांग कर रहे हैं.

पीएम मोदी से कानून वापस लेने की मांग

देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. बावजूद इसके कुछ वाहन सड़को पर दिखाई दे रहे हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के खंडवा में वाहन चालकों ने चक्का जाम कर दिया, जिससे खंडवा बुरहानपुर मार्ग पर यातायात अवरुद्ध हो गया है. वहीं, इंदौर के गंगवाल बस स्टैंड चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते बंद कर दिए गए. ट्रक एवं बस ड्राइवर एसोसिएशन के सड़क पर उतरने के कारण चौराहे पर जाम लगा दिया.

देशभर में ट्रांसपोर्ट यूनियनों नए भारतीय न्याय संहिता के अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. विशेष रूप से यूनियनों नए कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों के संबंध में प्रस्तावित कड़े प्रावधानों को लेकर चिंतित हैं. कुछ यूनियनों ने तो इसे कठोर कानून करार दिया है. उन्होंने कानून को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है.

क्या कहता है हिट-एंड-रन कानून?

भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामले के नए प्रावधानों के मुताबिक, अगर कोई आरोपी ड्राइवर सड़क हादसे के बाद अधिकारियों को बिना सूचना दिए बिना दुर्घटना स्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल की सजा काटनी पड़ेगी. साथ ही साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है. नए कानून को दो श्रेणियों में रखा गया है. पहला, ‘लापरवाही से मौत का कारण’, अगर कोई आरोपी ड्राइवर मौत का कारण बनता है तो वह गैर इरादतन हत्या नहीं है. उसे अधिकतम पांच साल की जेल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. दूसरा, कोई ड्राइवर लापरवाही या असावधानी से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और भाग जाता है. साथ ही घटना के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे जुर्माना के साथ-साथ दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा. मौजूदा समय में पहचान के बाद हिट-एंड-रन मामलों के आरोपियों पर धारा 304 ए के तहत मुकदमा चलाया जाता है, जिसमें अधिकतम दो साल की जेल की सजा होती है.