WPL Auction: मुंबई में 13 फरवरी को एक्शन, जानें कितने खिलाड़ियों की खुलेगी किस्मत
पांच टीमों के साथ शुरू हो रहे WPL के पहले सीजन की शुरुआत मार्च में होगी, जिसके लिए अगले 13 फरवरी को खिलाड़ियों की नीलामी होगी.
जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं, उत्सुकता भी बढ़ रही है. उत्सुकता- महिला प्रीमियर लीग (WPL) के पहले सीजन के आगाज की. पांच टीमों के साथ पहली बार WPL की शुरुआत होगी और मार्च में टूर्नामेंट का पहला सीजन खेला जाएगा. टूर्नामेंट की पांचों फ्रेंचाइजियों का ऐलान हो गया है, जिसने पहले ही काफी सुर्खियां बटोर ली हैं. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले अब अगला और सबसे अहम पड़ाव है खिलाड़ियों की नीलामी और इस पर भी अब स्थिति स्पष्ट होने लगी है. जानकारी के मुताबिक 13 फरवरी को WPL के इतिहास की पहली नीलामी होगी.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पिछले महीने ही WPL की पांचों फ्रेंचाइजियों की नीलामी का ऐलान किया था, जिसमें अहमदाबाद, मुंबई, बेंगलुरू, लखनऊ और दिल्ली को टीमें बनाने का अधिकार मिला था. इससे पहले ही हालांकि बोर्ड ने खिला़ड़ियों की नीलामी के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो शुरू कर दिया था, जिसमें लगभग सभी बड़ी और छोटी टीमों के खिलाड़ियों ने अपना नाम दर्ज कराया. अब बस नीलामी शुरू होने का इंतजार है.
13 फरवरी को नीलामी, 90 खिलाड़ियों की बिक्री
वैसे तो BCCI की ओर से अभी तक नीलामी को लेकर कोई भी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है लेकिन ईएसपीएन-क्रिकइंफो ने बताया है कि 13 फरवरी को पहले सीजन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी होगी. इसके साथ ही जगह भी तय हो चुकी है. ये ऑक्शन मुंबई में होगी. पहले इसे 6 फरवरी को आयोजित करने का प्रयास था लेकिन अलग-अलग कारणों के चलते ये संभव नहीं हो सका. इस नीलामी में सिर्फ 90 खिलाड़ियों को भी खरीदा जा सकेगा.
ऐसे हैं नीलामी के नियम
बात अगर ऑक्शन प्रक्रिया की करें तो इस पर भी थोड़ी जानकारी सामने आई है. ये पहले ही पता चल चुका था कि फ्रेंचाइजियों के पास 12 करोड़ रुपये का ऑक्शन पर्स होगा. यानी खिलाड़ियों को खरीदने के लिए सिर्फ 12 करोड़ रुपये होंगे, जो IPL के 95 करोड़ रुपये की तुलना में बेहद मामूली है लेकिन पहला सीजन होने के कारण इसे कम ही रखा गया है.
वहीं फ्रेंचाइजियों को ज्यादा से ज्यादा 18 खिलाड़ियों का ही स्क्वॉड बनाने की इजाजत होगी, जो कि IPL 25 है. कोई भी फ्रेंचाइजी 15 से कम खिलाड़ी नहीं रख सकती.
इन 18 में भी ज्यादा से ज्यादा 7 ही विदेशी खिलाड़ी खरीदे जा सकते हैं, जिसमें से कम से कम एक एसोसिएट देशों की टीमों से भी होना चाहिए. जहां तक प्लेइंग इलेवन की बात है तो टीमें ज्यादा से ज्यादा पांच विदेशी खिलाड़ी उतार सकती हैं लेकिन उस स्थिति में पांचवीं खिलाड़ी एसोसिएट टीम से होनी चाहिए.