Adani के लिए आई खुश खबर, इन दो कंपनी से हटा NSE का सख्त पहरा
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है. शेयर प्राइस में भारी गिरावट को देखते हुए एनएसई ने समूह की कुछ कंपनियों पर सख्त पहरा लगा दिया था, अब इनमें से दो को इस निगरानी से छुट्टी दे दी गई है.
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद छाया संकट कब छंटेगा, इसका अंदाजा तो साफ-साफ नहीं लगाया जा सकता. लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ग्रुप को बड़ी राहत दी है. एनएसई ने ग्रुप की दो कंपनियों को अपने ‘सर्विलांस फ्रेमवर्क’ (सख्त निगरानी व्यवस्था) से बाहर कर दिया है.
एनएसई ने समूह की कंपनियों के शेयर्स में काफी उतार-चढ़ाव को देखते हुए कुछ को सख्त निगरानी व्यवस्था के तहत रखने का फैसला किया था. इसमें ग्रुप की 3 कंपनियां शामिल थीं.
अडानी पोर्ट, अंबुजा सीमेंट को राहत
एनएसई ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अंबुजा सीमेंट को अब अपने सर्विलांस फ्रेमवर्क से गाहर कर दिया है. हालांकि अडानी एंटरप्राइजेज को अभी इससे राहत नहीं मिली है.
जब किसी कंपनी के शेयर में भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति आती है, तब एनएसई इस फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करती है. ताकि आम निवेशकों को इस भारी उतार-चढ़ाव की वजह से नुकसान ना उठाना पड़े. एनएसई के इस कदम से उस कंपनी के शेयर्स में अस्थिरता को रोकने में मदद मिलती है. हालांकि इससे कई बार कंपनियों के शेयर्स के ट्रांजैक्शन पर भी असर पड़ता है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी शेयर्स धराशायी
अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैन्युपुलेट करने और अकाउंटिंग फ्रॉड करने से जैसे आरोप लगाए हैं. 24 जनवरी को आई इस रिपोर्ट का असर अडानी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स पर पड़ा और उनमें भारी गिरावट दर्ज की गई. ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी आधे से ज्यादा गिर चुका है.
ऐसे में सेबी और स्टॉक एक्सचेंज ने निवेशकों के हित में समूह की कंपनियों को एडिशनल सर्विलांस के तहत रखा. जब भी किसी शेयर को इस व्यवस्था के तहत लाया जाता है, तब निवेशकों को 100 प्रतिशत मार्जिन का भुगतान अग्रिम तौर पर करना होता है, यहां तक कि दिन में कारोबार के दौरान भी.