क्या हो गया है BBC को? गोधरा के बाद अब ‘जिहादी दुल्हन’ पर डॉक्यूमेंट्री, ब्रिटेन में विरोध

क्या हो गया है BBC को? गोधरा के बाद अब ‘जिहादी दुल्हन’ पर डॉक्यूमेंट्री, ब्रिटेन में विरोध

बीबीसी ने शमीमा बेगम पर 90 मिनट की डॉक्यूमेंट्री जारी की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्यूमेंट्री बीबीसी के 10-भाग के पॉडकास्ट 'आई एम नॉट ए मॉन्स्टर' के बाद आई है,

2002 के गोधरा दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री पर कड़ी आलोचना का सामना करने के बाद, बीबीसी को लेकर ब्रिटेन में विवाद शुरू हो गया है. ये मामला ‘जिहादी दुल्हन‘ शमीमा बेगम के प्रति “सहानुभूतिपूर्ण” माने जाने वाले एक डॉक्यूमेंट्री का है. इसको लेकर बीबीसी को अब घरेलू स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक की बीबीसी के दर्शकों ने धमकी दी है कि वह अपने सब्सक्रिप्शन का रिन्यू नहीं करेंगे.

दरअसल शमीमा बेगम यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली एक गुमनाम किशोरी थीं, जब तक कि उन्होंने 2015 में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में शामिल होने का फैसला नहीं लिया. वह उस समय केवल 15 वर्ष की थीं और उनके इस फैसले ने निश्चित रूप से दुनिया भर का ध्यान अपनी और खींचा. अब, आठ साल बाद, ‘जिहादी दुल्हन, जो अब 23 साल की है, फिर से खबरों में है. वह इस बार बीबीसी की ‘द शमीमा बेगम स्टोरी’ डॉक्यूमेंट्री को लेकर चर्चा में हैं.

शमीमा बेगम पर 90 मिनट की डॉक्यूमेंट्री

बीबीसी ने शमीमा बेगम पर 90 मिनट की डॉक्यूमेंट्री जारी की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्यूमेंट्री बीबीसी के 10-भाग के पॉडकास्ट ‘आई एम नॉट ए मॉन्स्टर’ के बाद आई है, जो बेगम की यात्रा को ‘रीट्रेस’ करती है. लेकिन ‘जिहादी दुल्हन’ के सहानुभूतिपूर्ण इमेज, जो अपने आईएस आतंकी समूह में शामिल होने पर पश्चाताप कर रहा है, ने ब्रिटेन में दर्शकों को नाराज कर दिया है. ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के लिए अपने घरेलू धरती पर परेशानी बढ़ गई है जो पहले से ही 2002 के गोधरा दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत में गंभीर प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है.

सब्सक्रिप्शन को रिन्यू नहीं करने की धमकी

यूके में दर्शकों ने धमकी दी है कि वे अपने बीबीसी सब्सक्रिप्शन को रिन्यू नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि यह बीबीसी के साथ क्या हो रहा है? क्या आप मेरे साथ मजाक कर रहे हैं? मैं फिर कभी अपने टीवी लाइसेंस का भुगतान नहीं करूंगा. डॉक्यूमेंट्री यूके में अभी अच्छी तरह से नहीं चली है. जिहादी दुल्हन को कमजोर युवा लड़की के रूप में पेश करने की कोशिश के लिए दर्शकों ने बीबीसी की आलोचना की.

उस लड़की को कोई पछतावा नहीं

दर्शकों ने पूछी कि कृपया मुझे बताएं कि बीबीसी शमीमा बेगम को दिन का समय क्यों दे रहा है? उस लड़की को कोई पछतावा नहीं है और मुझे नहीं पता कि हमें उसे अपने टीवी पर क्यों देखना है? उसके पास एक विकल्प था – उसने अपनी पसंद बनाई.

आतंकी संगठन में शामिल होने का पछतावा

दरअसल इस्लामिक स्टेट की ‘जिहादी दुल्हन’ रह चुकीं शमीमा बेगम ने कहा था कि उन्हें आतंकी संगठन में शामिल होने का पछतावा रहेगा. शमीमा ने कहा था कि वह आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में ब्रिटेन की मदद करना चाहती हैं. उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा था कि वो समाज के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं. बीबीसी के मुताबिक शमीमा पर इस्लामिक चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप है. ब्रिटेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर शमीमा बेगम से उनकी नागरिकता छीन ली थी. इससे पहले, 15 साल की किशोर उम्र में शमीमा बेगम पूर्वी लंदन की दो अन्य स्कूली छात्राओं के साथ ब्रिटेन छोड़कर सीरिया चली गई थीं. वहां जाकर वो सब आईएस में शामिल हो गई थीं. वो बांग्लादेशी मूल की ब्रितानी नागरिक हैं.