BYJU’s Crisis: बायजूस के कई बोर्ड मेंबर्स का इस्तीफा, जानें कब और कैसे बढ़ीं कंपनी की मुश्किलें?
एडटेक स्टार्टअप बायजूस की मुश्किलें अब और बढ़ती जा रही हैं. कंपनी के बोर्ड में शामिल कई बड़े अधिकारियों के इस्तीफा देने की खबर है.
लोगों को ऑनलाइन एजुकेशन सॉल्युशन प्रोवाइड कराने वाली एडटेक स्टार्टअप बायजूस की मुश्किल बढ़ती जा रही है. छंटनी और कॉरपोरेट गवर्नेंस के सवालों से घिरी बायजूस के कई बोर्ड मेंबर्स के इस्तीफा देने की खबर है. बायजूस वो कंपनी है जो कभी देश की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बायजूस को शुरुआती समय में समर्थन देने वाले सिकोइया कैपिटल इंडिया (अब Peak XV Partners) के मैनेजिंग डायरेक्टर जी.वी. रविशंकर ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है.
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कई बड़े अधिकारियों का हुआ इस्तीफा
सूत्रों के हवाले से इकोनॉमिक टाइम्स ने खबर दी है कि रविशंकर के साथ ही प्रोसस ( पहले नैस्पर्स) के रसेल ड्रेइसेनस्टॉक और चान जुकरबर्ग इनिशिएटिव के विवियन वू ने भी अपना पद छोड़ दिया है. हालांकि इन सभी के इस्तीफे अभी कंपनी ने स्वीकार नहीं किए हैं. लेकिन ये इस्तीफे ऐसे समय हुए हैं, जब कंपनी अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है.
बायजूस के बिगड़ते हालात
बायजूस को इस समय कई कोर्ट केस से तो जूझना ही पड़ रहा है. साथ ही वह लोन डिफॉल्ट के मामले से भी परेशान है. इतना ही नहीं कंपनी अभी तक पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के वित्तीय परिणाम जारी नहीं कर पाई है.
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि कंपनी के तीनों निवेशकों ने संयुक्त तौर पर इस्तीफा देने का फैसला किया है. कंपनी और उसके शेयर होल्डर्स के बीच में लगातार चर्चांए जारी हैं.
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जानें कब क्या हुआ बायजूस के साथ?
बायजूस के इस स्थिति में आने और उसके बढ़ते लोन के बीच खास कनेक्शन है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं.
- नवंबर 2021 में कंपनी ने विदेशी बाजारों से 1.2 अरब डॉलर का लोन जुटाया.
- जुलाई 2022 में कंपनी ने कहा कि उसके ऑडिटेड रिजल्ट आने में देरी हो रही है, जिसे वह जल्द जारी करेगी.
- अगस्त 2022 में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी से वित्तीय परिणाम भेजने में 17 महीने की देरी का कारण पूछा.
- सितंबर 2022 में कंपनी ने अपना परिणाम जारी किया, उसका घाटा 18 गुना बढ़कर 4,588 करोड़ पर पहुंच गया.
- अक्टूबर 2022 में कंपनी ने 25 करोड़ डॉलर का फाइनांस राउंड पूरा किया.
- अप्रैल 2023 में कंपनी को लोन देने वालों ने 20 करोड़ डॉलर का पेमेंट मांगा. साथ ही ऊंचे ब्याज की मांग की.
- मई 2023 में बायजूस ने डेविडसन कैम्पनर के साथ 2000 करोड़ रुपये का फंडिंग राउंड पूरा किया.
- जून 2023 में बायजूस विदेश से जुटाए लोन का रीपेमेंट करने में विफल रही.