सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल सरकार को राहत, दिल्ली जल बोर्ड फंड मामले में जारी किया ये बड़ा आदेश
दिल्ली के केजरीवाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल को दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) को नोटिस जारी किया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि अधिकारी विधानसभा द्वारा बजटीय मंजूरी के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड को धन जारी नहीं कर रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली केजरीवाल सरकार की एक याचिका पर शुक्रवार को प्रधान सचिव (वित्त) को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को धन जारी करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट मामले में डीजेबी को पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम डीजेबी को (एक पक्ष के रूप में) उनसे (बकाया राशि के बारे में) पता लगाने के लिए पक्षकार बनाएंगे. इस बीच, वह धनराशि जारी करें जिसका भुगतान करना है.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने हुई सुनवाई की शुरुआत में दिल्ली सरकार की ओर से अभिषेक सिंघवी ने अपनी दलील रखी. उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्री ने वित्त सचिव को छह बार पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक समूची धनराशि जारी नहीं की गई है. पीठ ने कहा कि वह जल बोर्ड से बकाए धनराशि के बारे में जानना चाहती है. अदालत ने यह भी कहा कि इन मुद्दों का शीघ्र निपटारा करने की जरूरत है.
सुप्रीम कोर्ट में क्या बोली दिल्ली सरकार?
सिंघवी ने कहा कि इस वित्त वर्ष 2023-24 में 982 करोड़ रुपए पहले ही खर्च हो चुके हैं, जो देय हैं, बिल हो चुका है और काम हो चुका है. मंत्री ने छह बार पत्र लिखा है. यदि आप जानते हैं तो कहें, जो मुझे यकीन है कि वे कहेंगे कि हम इस चालू खाते से भुगतान करेंगे.
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वहीं, प्रधान सचिव वित्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने पक्ष रखा. उन्होंने ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह एक ऐसा मामला है जहां मंत्री अपने ही सचिव के खिलाफ मामला दायर कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस रिट याचिका को दायर करने के पीछे एक मकसद है.
अगली सुनवाई अब 10 अप्रैल को
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने धनराशि जारी करने के लिए कहा है. बेंच ने कहा कि वह जल उपयोगिता से बकाया धनराशि के बारे में जानना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट ने अब दिल्ली सरकार की याचिका पर आगे की सुनवाई 10 अप्रैल को तय की है.