EV Subsidy: सब्सिडी बंद होने से थमेगी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड! ई-स्कूटर खरीदारों के लिए बड़ा झटका

EV Subsidy: सब्सिडी बंद होने से थमेगी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड! ई-स्कूटर खरीदारों के लिए बड़ा झटका

FAME II सब्सिडी को लेकर लगातार कंट्रोवर्सी जारी है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मैन्यूफैक्चरर्स ने नियमों की अनदेखी करते हुए गलत तरीके से इस स्कीम का फायदा उठाया है. इसी वजह से फेम 2 सब्सिडी के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए FAME स्कीम को पेश किया गया था. सरकार को इस स्कीम से काफी उम्मीदें थीं. देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन को बढ़ावा देने के लिए फेम स्कीम का काफी बड़ा योगदान है. इसलिए सरकार ने स्कीम का दूसरा फेज यानी FAME II स्कीम को भी पेश कर दिया. इस वित्त वर्ष के बाद इस स्कीम का लाभ मिलना बंद हो जाएगा. हालांकि, कुछ समय पहले ईवी सब्सिडी को लेकर कुछ कंट्रोवर्सी सामने आई थी. आइए देखते हैं कि इसकी वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मोबिलिटी पर काफी असर पड़ सकता है.

कुछ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों ने फेम 2 स्कीम का फायदा उठाने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल किया. सरकार को इस गड़बड़ी का पता चल गया है. अब कई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों के खिलाफ जांच बैठ गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों ने करोड़ों रुपये की सब्सिडी हासिल की है.

1.50 लाख रुपये सस्ते ई-स्कूटर पर सब्सिडी

इलेक्ट्रिक स्कूटर पर सब्सिडी का फायदा लेने के लिए सरकार ने एक कीमत तय की है. अगर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की कीमत 1.50 लाख रुपये (एक्स-फैक्ट्री) से ऊपर जाती है तो सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा. हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा जैसी कंपनियों ने अपने स्कूटर की कीमत को जानबूझकर कम किया, ताकि सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके.

सरकार वसूल करेगी सब्सिडी

अब सरकार ने इन कंपनियों से सब्सिडी का पैसा रिकवर करने का प्लान बनाया है. दरअसल, पिछले साल से ही सरकार ने फेम 2 सब्सिडी की स्क्रूटनी पर ध्यान देना शुरू कर दिया था. कई कंपनियों ने गलत तरीके से विदेशों से कंपोनेंट इंपोर्ट किए, जबकि इन्हें भारत में बने कंपोनेंट्स के तौर पर दर्शाया गया. ज्यादातर कंपनियां चीन से इंपोर्ट किए सामान पर निर्भर रहीं.

हालांकि, सब्सिडी लाभ लेने के लिए इंडियन फर्म से 50 फीसदी कंपोनेंट्स और पार्ट्स लेना जरूरी है. वहीं, कुछ कंपनियों ने चार्जर और सॉफ्टवेयर को स्कूटर से अलग बेचा. यानी चार्जर और सॉफ्टवेयर की कीमत स्कूटर की कीमत में नहीं जोड़ी गई, जिससे स्कूटर की कीमत 1.50 लाख रुपये से कम हो जाए. इन सभी गड़बड़ियों की वजह से सरकार ने कई कंपनियों की सब्सिडी को रोक दिया है.

महंगे होंगे इलेक्ट्रिक स्कूटर

फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) स्कीम को सबसे पहले 2015 में लॉन्च किया गया था. फेज 2 के तहत सरकार ने 12 कंपनियों ने गड़बड़ी की वजह से लगभग 1,100 करोड़ की सब्सिडी रोक दी है. इसकी वजह इलेक्ट्रिक स्कूटर के दाम बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. सब्सिडी के जरिए ही लोग कम कीमत में नया इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद पाते हैं.