IND vs AUS: नागपुर की पिच पर खतरा बहुत है, ऐसे ही नहीं डर रहा ऑस्ट्रेलिया
भारतीय पिचें अपने टर्निंग मिजाज के लिए जानी जाती हैं और नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच इसका बेहतरीन उदाहरण है.
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का काउंटडाउन शुरू है. 9 फरवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया आमने सामने होंगे. मैदान नागपुर का होगा, जहां की पिच पर खतरा बहुत है. खतरा बहुत अधिक टर्न का. खतरा तीसरी और चौथी पारी में 200 रन के अंदर ही बल्लेबाजी के लुढ़क जाने का और इन सबसे परे बाहरी टीमों के लिए तो बड़ा खतरा यहां अश्विन और जडेजा की स्पिन जोड़ी भी है, जिनके नाम सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में सबसे ऊपरी कतार में दर्ज हैं. अब इतने खतरों के बीच अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम के दिलो दिमाग में कहीं ना कहीं खौफ जैसा कुछ है तो वो लाजमी भी है.
ऑस्ट्रेलिया की टीम को हाल फिलहाल में नागपुर में खेलने का कोई अनुभव भी नहीं है. उसने यहां आखिरी टेस्ट यहां साल 2008 में खेला था, जिसमें भारतीय टीम ने कंगारूओं को 172 रन से धूल चटाई थी. अब 15 साल बाद फिर से वैसी ही दुर्गति ना हो जाए, ऑस्ट्रेलिया को ये डर खाए जा रहा है.
नागपुर की पिच का इतिहास
नागपुर की पिच पर भारत ने अब तक 5 टीमों के खिलाफ 6 टेस्ट खेले हैं, जिनमें 4 जीते हैं, 1 हारा है, जबकि 1 मुकाबला ड्रॉ रहा है. यानी मुकाबले का नतीजा निकलने की गारंटी यहां रहती है. और, इस लिहाज से भारत-ऑस्ट्रेलिया पहले टेस्ट मैच में भी दिलचस्पी लोगों को ज्यादा रहेगी.
स्पिनर्स के लिए ‘स्वर्ग’ है नागपुर की पिच
भारतीय पिचें अपने टर्निंग मिजाज के लिए जानी जाती हैं और नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच इसका बेहतरीन उदाहरण है. स्पिन गेंदबाजों को यहां पहले दिन से ही मदद मिलनी शुरू हो जाती है. यही वजह है कि इस पिच पर खेले जाने वाले टेस्ट में उनके विकेट की संख्या ज्यादा रहती है. चौथे और 5वें दिन तो यहां की पिच पर बल्लेबाजी पहाड़ तोड़ने जैसा काम होती है. साल 2015 में जब इस पिच पर भारत ने साउथ अफ्रीका का सामना किया तो उसके सभी 20 विकेट भारतीय स्पिनर्स ने लिए. इसी तरह साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में अश्विन जडेजा ने मिलकर 13 विकेट चटकाए थे.
विकेट लेने में अश्विन से आगे कोई नहीं
नागपुर की पिच पर अगर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की बात करें तो 3 टेस्ट में 23 विकेट लेकर अश्विन टॉप पर हैं. वहीं इतने ही मैचों में रवींद्र जडेजा 12 विकेट लेकर चौथे नंबर पर हैं. इन दोनों के बीच मौजूद इशांत ने 6 टेस्ट में 19 विकेट और हरभजन सिंह ने 3 टेस्ट में 13 विकेट लिए हैं. यानी इस बार जडेजा के पास इशांत और हरभजन को पीछे छोड़ आगे निकलने का मौका होगा.
नागपुर में बल्लेबाजी बड़ी मुश्किल
नागपुर में 6 टेस्ट की 20 पारियों में केवल 3 बार टीमें 500 प्लस का टोटल बना पाई हैं. यह स्कोर भी पहली और दूसरी पारी के हैं. तीसरी और चौथी पारी में यहां बल्लेबाजी करने वाली टीम ज्यादातर बार 200 के नीचे ही ढेर हो गई है.
जहां तक टॉस की बात है तो 6 टेस्ट में टॉस जीतने वाली टीम 3 बार जीती है. इसी तरह जिस टीम ने पहले बल्लेबाजी की उसे भी तीन बार जीत मिली. मतलब दोनों ही सूरतों में जीत का प्रतिशत 50 फीसद रहा है. उम्मीद यही है कि 9 फरवरी को भी टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना ही चाहेगी.