IND vs AUS: इंदौर में हुआ ‘मजाक’ BCCI के फैसले का गलत नतीजा? अब मिलेगी उसकी सजा!

IND vs AUS: इंदौर में हुआ ‘मजाक’ BCCI के फैसले का गलत नतीजा? अब मिलेगी उसकी सजा!

बुधवार 1 मार्च को ही तीसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ और मैच के पहले आधे घंटे के बाद ही गेंद बहुत ज्यादा टर्न होने लगी, जिसके कारण पहले दिन ही 14 विकेट गिर गए.

भारत में होने वाली कोई भी टेस्ट सीरीज पिचों की बहस से बच नहीं पाती. पिछले कुछ सालों में ये बहस तेज हुई है और विदेशी टीमों, खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेटरों ने तो इसे लेकर खास तौर पर खूब बवाल मचाया है. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत से पहले ही ये बहस शुरू हो गई थी. इंदौंर में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट ने इस बहस को और तेज कर दिया है क्योंकि होल्कर स्टेडियम की पिच तो मेजबान भारत के लिए भी आफत साबित हुई है और ऐसा लग रहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से इस पिच को अच्छी रेटिंग नहीं मिलने वाली.

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर और दिल्ली टेस्ट के दौरान भी पिच को लेकर बातें हुई थीं क्योंकि दोनों मैदानों में मैच सिर्फ 3 दिनों के अंदर खत्म हो गए थे. इसके बावजूद उन दोनों मैदानों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की नाकामी ज्यादा जिम्मेदार थी. इंदौंर में हालांकि जो देखने को मिला, वो सबके लिए चौंकाने वाला था. बुधवार 1 मार्च से शुरू हुए मैच के पहले दिन छठे ओवर में ही स्पिनर अटैक पर थे और जमकर टर्न मिल रहा था. भारतीय टीम सिर्फ 109 रन पर ही ढेर हो गई थी.

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इंदौर की पिच पर होगा एक्शन

ऐसे में एक बार फिर इस सीरीज में कम तैयार पिचें बनाने की बहस को फिर शुरू कर दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ICC मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड का पिच की खराब प्रकृति पर संज्ञान लेना निश्चित है और नागपुर व दिल्ली की पिच को औसत रेटिंग दिये जाने के बाद मौजूदा टेस्ट मैच को औसत से कमतर की रेटिंग मिल सकती है.

पहले बल्लेबाजी करने के बावजूद भारतीय टीम सिर्फ डेढ़ सत्र ही खेल पायी और 109 रन पर सिमट गयी जबकि आस्ट्रेलिया टीम ने 156 रन तक चार विकेट गंवा दिये थे जिससे दिन में 14 विकेट गिरे.

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क्या BCCI ने फैसले में की गलती?

सभी टीमें घरेलू धरती पर अपनी पसंदीदा हालात चाहती हैं लेकिन घरेलू मैदान का फायदा किस हद तक होना चाहिए? एक और टेस्ट तीन दिन के अंदर खत्म होने के लिये तैयार है. क्या यह खेल के लिये अच्छा है? वैसे इंदौर की स्थिति के लिए आखिरी वक्त पर वेन्यू में बदलाव भी एक कारक है. दो हफ्ते पहले ही धर्मशाला से मैच स्थानांनतरित करने की घोषणा की गयी तो क्या क्यूरेटरों को पिच तैयार करने के लिये पूरा समय मिल पाया? क्या BCCI अंतिम मिनट में हुए बदलाव में बेहतर स्थल कर सकता था? इन सभी सवालों के जवाब दिये जाने की जरूरत है.

टेस्ट क्रिकेट का मजाक

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि भारत में तीन दिन के अंदर टेस्ट खेलने का चलन टेस्ट क्रिकेट की खिल्ली उड़ाता है. वेंगसरकर ने कहा,

अगर आप अच्छा क्रिकेट देखना चाहते हो तो पिच से ही सारा अंतर पैदा होता है. आपके पास समान उछाल वाले विकेट होने चाहिए ताकि बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को बराबरी का मौका मिल सके. अगर पहले ही दिन और पहले ही सत्र से गेंद टर्न लेने लगेगी और वो भी असमान उछाल के साथ तो इससे टेस्ट क्रिकेट का मजाक ही बनता है.

उन्होंने कहा, टेस्ट क्रिकेट के लिये दर्शकों को मैदान में बुलाना सबसे अहम है. आप इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में यह देख सकते हो लेकिन दुर्भाग्य से भारत में ऐसा नहीं हो रहा. लोग तभी टेस्ट क्रिकेट देखने आयेंगे, अगर यह दिलचस्प हो. कोई भी गेंदबाजों को पहले ही सत्र से बल्लेबाजों पर दबदबा बनाते हुए नहीं देखना चाहता.

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कोई भी जीते, ऐसी पिचें अच्छी नहीं

ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने इंदौर की पिच की आलोचना करते हुए कहा, किसी भी तरह से छठे ही ओवर से स्पिनरों को गेंदबाजी के लिये नहीं आना चाहिए. इसलिये ही मैं इस तरह की पिचों को पंसद नहीं करता. पहले दिन से पिच इतनी नीची और टर्न लेने वाली नहीं होनी चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि आस्ट्रेलिया यह टेस्ट जीते या फिर भारत. इस तरह की पिचें टेस्ट क्रिकेट के लिये अच्छी नहीं हैं.