रूस अब भारत को देगा बॉम्बर एयरक्राफ्ट, जानें टीयू-160 ब्लैक जैक की खासियत

रूस अब भारत को देगा बॉम्बर एयरक्राफ्ट, जानें टीयू-160 ब्लैक जैक की खासियत

टीयू 160 ब्लैक जैक बॉम्बर को व्हाइट स्वान (White Swan) भी कहा जाता है. यह एक सुपरसोनिक वैरिएबल स्वीप विंग हैवी स्ट्रैटेजिक बॉम्बर है. इसका डिजाइन 1970 में सोवियत संघ के तुपोलेव डिजाइन ब्यूरो ने बनाया था. 1987 से यह लगातार रूसी एयरोस्पेस फोर्स में तैनात है.

भारत और रूस के बीच की दोस्ती काफी पुरानी है. भारतीय सेनाओं के पास अधिकतर हथियार रूसी हैं. मतलब ऐसे हथियार हैं, जो रूस में बने हैं. ये और बात है कि बीते कुछ वर्षों में रूस से रक्षा आयात में गिरावट आई है. वहीं इसी खबर है कि भारत को रूस से बॉम्बर एयरक्राफ्ट (Tu 160 Black Jack Bomber) मिल सकता है. डिफेंस मामलों के जानकार वरुण कार्तिकेयन (Varun Karthikeyan) ने भरत कर्नाड (Bharat Karnad) नाम के डिफेंस एनालिस्ट के हवाले से इस बात की जानकारी दी है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘भारत, रूस से टीयू 160 ब्लैक जैक बॉम्बर ले सकता है. भारत टीयू 160 से परमाणु वितरण के लिए एक हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन विकसित करेगा.’ बता दें कि भारत के पास खुद का बॉम्बर नहीं है. बॉम्बर, वो एयरक्राफ्ट, जो लंबी दूरी की यात्रा कर दुश्मन के इलाकों में बम गिराकर वापस चला आए.

टीयू 160 ब्लैक जैक बॉम्बर की खासियतें…

  • टीयू 160 ब्लैक जैक बॉम्बर को व्हाइट स्वान (White Swan) भी कहा जाता है. यह एक सुपरसोनिक वैरिएबल स्वीप विंग हैवी स्ट्रैटेजिक बॉम्बर है. इसका डिजाइन 1970 में सोवियत संघ के तुपोलेव डिजाइन ब्यूरो ने बनाया था. 1987 से यह लगातार रूसी एयरोस्पेस फोर्स में तैनात है.
  • टीयू-160 ब्लैक जैक बॉम्बर 40,026 फीट की ऊंचाई पर अधिकतम 2220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. यह एक बार में 12,300 किलोमीटर तक की ऊड़ान भर सकता है. मगर इसे 960 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ाया जाता है.
  • यह विमान 177.6 फीट लंबा है. इसका विंगस्पैन 182.9 फीट हैं. ऊंचाई 43 फीट है. खाली एयरक्राफ्ट का वजन 1.10 लाख किलोग्राम है. टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 2.75 लाख किलोग्राम तक पहुंच जाता है.
  • टीयू-160 ब्लैक जैक बॉम्बर को चार लोग मिलकर उड़ाते हैं. इसमें एक पायलट, एक को-पायलट, एक बमबॉर्डियर और चौथा डिफेंसिव सिस्टम ऑफिसर होते हैं.
  • युद्ध के समय इसकी कॉम्बैट रेंज 2000 किलोमीटर होती है, जिसे सबसोनिक गति में बढ़ाकर 7300 किलोमीटर किया जा सकता है. यह अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. आसमान में ऊपर चढ़ने की इसकी गति 14 हजार फीट प्रति मिनट है.